पीयूष मिश्रा, घंसौर /सिवनी (मप्र), NIT:
सिवनी जिले के घंसौर तहसील में रावण दहन को लेकर खासी गहमागहमी बनी रही है, दरअसल घंसौर में बहुत समय से दशहरे पर रावण दहन का कार्यक्रम रखा जाता आ रहा है, लेकिन इस दशहरे के कुछ दिन पहले ही आदिवासी समुदाय की एक संस्था ने लिखित रूप में फरमान जारी किया था कि दशहरे पर हम रावण दहन का कार्यक्रम नहीं होने देंगे और यदि रावण दहन किया गया तो हमारे समाज के द्वारा खासा विरोध प्रदर्शन होगा।
आदिवासी समाज का मानना है कि रावण हमारे पूर्वज हैं, हमारे देवता हैं और इस तरह के कार्यक्रमों से हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा रहा है। हिंदू संप्रदाय के लोग बिना हकीकत जाने रावण दहन को करते हैं जबकि रावण हमारे देवता हैं और हम अपने देवता को जलते हुए नहीं देख सकते हैं, जैसे ही इस बात की जानकारी प्रशासन को लगी तो घंसौर सहित जिला प्रशासन सजग हो गया कि कहीं ऐंसा ना हो कि आचार सहिता का उल्लंघन और समाजिक हिंसा भड़क उठे, इसी को मद्देनजर रखते हुये ,जिला मुख्यालय से पुलिस की एक टुकड़ी को घंसौर के लिए रवाना किया गया।
पुलिस की टुकड़ी जब घंसौर पहुंची तो घंसौर टीआई संजय भलावी, एसडीएम रजनी वर्मा, श्रद्धा सोनकर एसडीओपी के द्वारा नगर के विभिन्न दुर्गा पंडालों का जायजा लिया गया और दूसरे दिन पूरे चाक-चौबंद होकर अधिकारियों ने सामने खड़े होकर शांतिपूर्ण तरीके से रावण दहन का कार्यक्रम पूर्ण करवाया गया।
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