गणेश मौर्य, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT;
अंबेडकरनगर जिला के अकबरपुर शहर में सप्ताहिक बंदी को लेकर व्यापारी आमने-सामने आ गये हैं। एक पक्ष जहां सप्ताहिक बंदी की हिमायती है वहीं दूसरा पक्ष इस का विरोध कर रहा है। मंगलवार साप्ताहिक बंदी को लेकर व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने जिला अधिकारी को कई बार लिखित शिकायत किया है लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
शहर अकबरपुर शहजादपुर में साप्ताहिक बंदी बेअसर हो गई है। व्यापारियों में श्रम विभाग का कोई खौफ नहीं है। खुलेआम नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाने पर भी विभाग की चुप्पी संदेह के घेरे में है। श्रम कानून के अनुसार सभी शहरों, नगरों व उपनगरों में साप्ताहिक बंदी का दिन सुनिश्चित किया गया है। इस दिन आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य संबंधित प्रतिष्ठान बंद रखे जाते हैं। अकबरपुर शहर को साप्ताहिक बंदी का दिन निर्धारित है, लेकिन इस दिन नगर के पटेल नगर तिराहा, लोहिया चौक, पहितीपुर ,दोस्तपुर तिराहा, चौराहा, जिला चिकित्सालय टांडा रोड ,मुख्य चौराहा पर ऐसा लगता ही नहीं कि यहां साप्ताहिक बंदी का दिन है। नगर के 60 प्रतिशत से अधिक प्रतिष्ठान साप्ताहिक बंदी के दिन भी खुले रहते हैं। हैरत की बात तो यह है कि अमूमन छोटे व्यापारी तो बंदी के दिन कारोबार बंद रखते हैं, लेकिन बड़े व्यापारियों पर इसका कोई असर नहीं दिखाई देता है। साप्ताहिक बंदी का अनुपालन न होने के लिए श्रम विभाग भी कम जिम्मेदार नहीं है। नगर में लंबे समय से साप्ताहिक बंदी के दिन विभाग की ओर से किसी तरह का अभियान नहीं चलाया गया। जिससे कि व्यापारियों में कानून का खौफ नहीं है।
श्रम प्रवर्तन अधिकारी से बात करना चाहा तो नंबर स्विच ऑफ बता रहा था। उसके बाद अकबरपुर SDM से बात किया गया उन्होंने बताया कि यह जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं था, सप्ताहिक बंदी है सभी दुकानदारों को कानून का पालन करना चाहिए ,अगर ऐसा करते नहीं दिखाई दिए तो जल्द ही इसके विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा। प्रतिष्ठान खुले पाए जाने पर जुर्माने के साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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