सरवर खान ज़रीवाला, भोपाल, NIT; मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर हंगामा होने की उम्मीद नजर आ रही है। कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान सरकार को व्यापमं और आईएसआई जासूसी कांड पर घेरने की रणनीति बना ली है। इसी के तहत उसने विधानसभा को घेरने का एलान किया है, जिसके तहत पूरे भोपाल शहर में कांग्रेस पार्टी की तरफ से जगह-जगह होर्डिंग लगा रखें हैं जिस पर नगर निगम की कारवाई ने बीजेपी सरकार और नगर निगम प्रशासन पर सवालिया निशान लगा दिया है।विधानसभा सत्र से पहले विपक्ष ने सरकार को व्यापमं से लेकर हालही में हुए आईएसआई जासूसी कांड पर घेरने के लिए 22 फरवरी को विधासभा का घेराव करने का ऐलान किया था। जिसके प्रचार के लिए शहर भर में कांग्रेस सांसद सिंधिया के पोस्टर पूरे शहर में लगवाए गए थे। लेकिन रविवार तड़के 4 बजे भोपाल नगर निगम के अधिकारियों ने 25 कर्मचारियों की एक टीम गठीत कर उनसे विधानसभा घेराव के समस्त होर्डिंग निकलवा दिए। मजे की बात ये है कि हटाने वाले होर्डिंग में सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया के ही पोस्टर निकाले गए हैं। अगर ये कार्रवाई अतिक्रमण से संबंधित होती तो सरकार द्वारा मिले बांचे कार्यक्रम के पोस्टर भी शहर में लगे हुए थे। उनको भी हटाना चाहिए था। लेकिन नगर निगम द्वारा सिर्फ विधासभा घेराव के सिंधिया वाले हांर्डिंग ही हटवाए गए। इस घटना से नगर निगम की नीयत पर कई सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेसियों को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली वह तत्काल मौके पर पहुंचे और न्यू मार्केट के स्थित नानके पेट्रोल पम्प चोराहे पर निगम के कर्मचारियों को पोस्टर हटाते रंगे हाथों पकड़ लिया। कांग्रेसियों ने नगर निगम के कर्मचारियों को होर्डिंग हटाते हुए तड़के 4 बचे नानके पेट्रोल पंप पर पकड़ लिया। जिसके बाद निगम और कांग्रसियों में काफी देर तक जमकर विवाद हुआ। बात को बिगड़ता देख नगर निगम के कर्मचारी कई स्थानों पर पोस्टर को छोड़ भाग खड़े हुए। कांग्रेसियों ने नगर निगम की कई गाड़ियां भी पकड़ी हैं, जिनमें ननि के कर्मचारियों द्वारा उतारे गए पोस्टर रखे साफ दिखाई दे रहे हैं।
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