अब्दुल वाहिद काकर, धुले (महाराष्ट्र), NIT; मनमाड-इंदौर परियोजना को लेकर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने रेल्वे एवं पोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड के तहत कुछ शर्तों को मंजूर करते हुए भू अधिग्रहण अपनी ओर से करके देने को लेकर रेलवे मंत्रालय कि शर्त मानने की सहमति दी है। इसको लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने पूर्व में ही इस परियोजना को मंजूरी दी है पिछले दिनों भोपाल में इस परियोजना को लेकर इंडियन पोर्ट रेल्वे कॉरपोरेशन लिमिटेड के उच्च अधिकारियों के साथ मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव प्रमुख सचिव परिवहन के साथ लंबी चर्चा और मीटिंग हुई जिसके तहत प्रमुख सचिव और उच्च अधिकारियों के बीच इस परियोजना को लेकर सहमति बनी है।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे ने उक्त जानकारी देते हुए हर्ष व्यक्त किया है कि दिन प्रतिदिन इस परियोजना में आने वाली बाधाएं दूर करने को लेकर चार सालों से प्रयास कर रहे हैं। उसके परिणाम जमीनी स्तर पर देखने को मिल रहा है। साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए के मनमाड़ -इंदौर रेल प्रोजेक्ट पर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई है। मालेगांव और मध्यप्रदेश को बंदरगाह से जोड़ने वाले इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट के जमीन पर उतरने का रास्ता अब साफ हो गया है।
महराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश ने इस प्रोजेक्ट पर अपनी सहमति जता दी है। साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की इस परियोजना में मध्यप्रदेश 15 फीसदी यानी लगभग 500 करोड इसी तरह महाराष्ट्र सरकार भी 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस रेल लाइन के बन जाने से इंदौर से मुंबई की दूरी लगभग 200 किलोमीटर कम हो जाएगी।
लंबे समय से इंदौर-मनमाड़ के बीच रेल लाइन बिछाने की परियोजना पर बात चल रही थी दोनों सरकारों ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए इस परियोजना को मान्यता प्रदान की है।
इसमें कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि प्रोजेक्ट की कुल लागत में 60 प्रतिशत हिस्से का इंतजाम बतौर ऋण किया जाएगा। इसमें 50 फीसदी राशि कॉर्पोरेशन लगाएगा। 15-15 प्रतिशत राशि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र लगाएंगे। इस परियोजना में कुल 15 रेलवे स्टेशन होंगे जिसमें 186 किलोमीटर रेल लाइन महाराष्ट्र में बिछाई जाएंगी 120 किलोमीटर रफ़्तार से मनमाड-इंदौर रेल लाइन पर दौड़ेगी 2008 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा जिसमें महाराष्ट्र के हिस्से में 964 भूमि अधिग्रहण किया जाएगा।
बंदरगाह से जुड़ जाएगा मालेगांव
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस रेल परियोजना के जरिए मालेगांव जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह से जुड़ जाएगा, जिसका फायदा प्रदेश के अंगूर और प्याज अनार कृषि उत्पादों को बाहर भेजने में मिलेगा। मुंबई से दूरी कम होने से सफर में लगने वाला समय बचेगा। व्यापारिक नजरिए से यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र – मध्यप्रदेश के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।परियोजना को लेकर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष भामरे ने कहा कि जहाजरानी परिवहन केंद्रीय मंत्री श्री नितिंन गड़करी तथा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का सहरानिय सहयोग मिला है और मंत्री भामरे ने खुशी जताते हुए आभार प्रकट किया है।
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