ओवैस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; जन सत्याग्रह संगठन अकोला महानगर उपाध्यक्ष तौसीफ अहमद मोंटू 2 मई से आमरण अनशन पर बैठे थे, जिसमें उनकी मांग सिटी कोतवाली पुलिस निरीक्षक अनिल जुमले, अकोट स्टैंड परिसर ट्रैफिक पुलिस जमादार को निलंबित करने की थी।
मामला पूरा इस प्रकार था, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, गुजरात और देश की जितने भी बलात्कार की वारदातें हुई हैं उन सब को सजा हो इसलिए 20 अप्रैल 2018 को जन सत्याग्रह संगठन ने लोकशाही पद्धत से फांसी आंदोलन किया था और पुतला दहन किया था। इस आंदोलन में जन सत्याग्रह संगठन के महानगर उपाध्यक्ष तौसीफ अहमद मोंटू को सिटी कोतवाली पुलिस निरीक्षक अनिल जुमले अकोट स्टैंड परिसर ट्रैफिक पुलिस जमादार ने मारा और गाली गलौज की जिस पर तौसिफ अहमद मोंटू ने महात्मा गांधी मार्ग से आमरण अनशन 2 मई 2018 से शुरू किया था जिसमें नागरिकों का व सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा था लेकिन पुलिस प्रशासन की कोई हलचल दिखाई नहीं दे रही थी जिस पर तीसरे दिन जन सत्याग्रह संगठन के संस्थापक अध्यक्ष आसिफ अहमद खान आदि कार्यकर्ताओं ने अपना मुंडन करा कर मुंडन आंदोलन किया। मुंडन आंदोलन होते ही अकोला जिला पुलिस अधीक्षक राकेश कलासागर ने जन सत्याग्रह संगठन के कार्यकर्ताओं को मिलने के लिए बुलाया और काफी देर तक चर्चा की। इस चर्चा में जिला पुलिस अधीक्षक ने विश्वास दिलाया कि वह इस मामले की जड़ तक जाकर जांच करेंगे और संबंधित कर्मचारियों को सजा देंगे। अकोला जिला पुलिस अधीक्षक के इस आश्वासन पर और उनकी विनंती पर जन सत्याग्रह संगठन द्वारा चल रहे आमरण अनशन को चौथे दिन एसडीपीओ सोहेल शेख के हाथों थमा दिया गया। चौथे दिन विरोधी पक्ष नेता साजिद खान पठान, नगरसेवक मोहम्मद इरफान, सामाजिक कार्यकर्ता मोंटू खान, डॉ शफीक अहमद, रामदासपेठ पुलिस निरीक्षक सपकाल उपस्थित थे। अनशन समाप्त होते से अकोला पुलिस अधीक्षक जन सत्याग्रह संगठन के सभी कार्यकर्ताओं से अपने दलन में विस्तार से चर्चा की और समस्या को समझ कर उस पर अमल करने का भरपूर भरोसा दिलाया।
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