Edited by Sabir Khan, मुंबई (महाराष्ट्र), NIT;
SC/ST एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ खिलाफ बुलाए गए दलित संगठनों के भारत बंद ने हिंसक रूप ले लिया। हिंसक घटनाओं में मध्य प्रदेश में 6 लोगों की मौत हो गई जबकि राजस्थान और उत्तर प्रदेश में एक एक लोगों की जान चली गई और साथ ही पूरे देश में पुलिस समेत दर्जनों लोग घायल हो गए हैं।
यूपी से भी बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी की तस्वीरें आई हैं। मुजफ्फरनगर में पुलिस थाना और मेरठ में एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया गया। हिंसा की आंच दिल्ली तक भी जा पहुंची है। इस बीच सरकार ने आज SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।
ज्ञात हो कि 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट के तहत तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और गिरफ्तारी के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी की मंजूरी ज़रूरी कर दी थी। विपक्ष का आरोप है कि दलितों के इस मुद्दे पर सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही, जबकि सरकार ने दावा किया है कि वो दलितों के साथ नाइंसाफी नहीं होने देगी।मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में मरने वालों की संख्या 5 तक पहुंच गई है, इसमें मुरैना में 3 और ग्वालियर में 2 लोगों की मौत हुई है। वहीं देवरा में भी एक व्यक्ति की मौत की खबर है। ग्वालियर में हुई मौत के बाद पूरे शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। सागर और ग्वालियर में दलितों के प्रदर्शन के बाद धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं लहार, गोहद और मेहगांव समेत भिंड के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मुरैना स्टेशन क्षेत्र इलाके में दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान कुछ पुलिस और मीडियकर्मी भी घायल हो गए हैं। यहां छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को रोककर ट्रेन के शीशे तोड़े गए हैं।
उत्तर प्रदेश……
उत्तर प्रदेश में दलितों के हिंसक प्रदर्शन में 1 व्यक्ति की मौत हो चुकी है और 35 लोग घायल हैं, इनमें से 3 की हालत गंभीर बताई जा रही है। डीआईजी (लॉ एंड ऑडर्र) के मुताबिक अब तक हिंसा के आरोप में 448 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा के कारण मेरठ में सोमवार को दिल्ली-देहरादून हाइवे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। दलित प्रदर्शनकारियों ने मेरठ में एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया और साथ ही 2 बसें समेत कई वाहनों को भी आग लगा दी गई है। दिल्ली-गाजियाबाद रोड पर एम्स के डॉक्टरों की बस पर हमला किया गया है, हालांकि इसमें किसी के हताहत की खबर नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने इलाहाबाद और गाजियाबाद में रेलवे ट्रैक जाम किया। मुजफ्फरनगर में मंडी थाने पर भी पत्थरबाजी की गई है। हापुड़ में लोगों द्वारा पत्थरबाजी करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
राजस्थान….
हिंसा के दौरान राजस्थान के अलवर में पवन नाम के व्यक्ति की मौत हो गई है। हिंसक झड़प में करीब 30 लोग जख्मी हो गए हैं। राजस्थान के बाड़मेर, अलवर, सीकर, झुंझुनू, जालौर और बीकानेर समेत कुल 6 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। अलवर के दाउदपुर में रेल की पटरी उखाड़ दी गई है जिसके कारण रेलवे लाइन बाधित हो गई। तीन वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने खैरथल थाने में आग लगा दी और साथ ही डिप्टी एसपी की पिटाई भी कर दी है। कलेक्टर ने आठ बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। भरतपुर में महिलाओं ने सड़क जाम किया। बाड़मेर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प में 25 लोग घायल हो गए हैं। सांचौर और पुष्कर में 30 से ज्यादा मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया है, इसके अलावा जयपुर में भीड़ ने शोरूम में भी तोड़फोड़ की है।
बिहार….
हिंसा की आग बिहार के शहरों तक पहुंची. हाजीपुर में बंद समर्थकों ने कोचिंग संस्थान पर हमला किया. छात्रों की साइकिल और डेस्क में आग लगा दी. इसके अलावा अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, जहानाबाद और आरा में भीम सेना के रेल रोकी और सड़कों पर जाम लगा दिया. गया में भी संघर्ष दिखाई दिया. पुलिस को यहां प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा.
हरियाणा……
हरियाणा के लगभग सभी जिलों में प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर उतरने की खबर है। फरीदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने कोटा जनश्ताब्दी ट्रेन पर जमकर पथराव किया। फरीदाबाद चौकी इंचार्ज पर हुए हमले में तीन लोग घायल हो गए हैं। पलवल में नेशनल हाइवे-2 पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ, इस दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिसार और जींद में बस पर पत्थरबाजी की गई है।
पंजाब में 10वीं और 12वीं की परीक्षा स्थगित
पंजाब में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। पंजाब पुलिस ने एहतियात के तौर पर लुधियाना में 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। वहीं पूरे प्रदेश में भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है। बंद के चलते पंजाब में सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं, साथ ही आज होने वाली सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है। पूरे प्रदेश में इंटरनेट सेवाएं सोमवार शाम तक के लिए बंद कर दी गई हैं। लोक इंसाफ पार्टी ने पंजाब में भारत बंद का समर्थन किया है।
झारखंड में 1500 लोग हिरासत में, 10 पुलिसकर्मी घायल
भारत बंद प्रदर्शन में रांची से 763 और सिंहभूम से 850 लोगों को हिरासत में लिया गया है। रांची में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में कई लोग घायल हो गए हैं। टाटानगर में दलित सेना के प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को बाधित कर जमकर हंगामा किया। जमशेदपुर में ट्रक को आग के हवाले कर दिया गया। रांची वीमेंस कॉलेज के पास पुलिस और छात्र आपस में भिड़ गए जिसमें एसपी, डीएसपी समेत करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
उत्तराखंड……
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती दुकानों को बंद कराया और रुड़की व हरिद्वार में प्रदर्शनकारियों के हंगामे के दौरान पुलिस पर पत्थराव किया गया, जिसमें एक पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच ने भी इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हरिद्वार में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया है। रुड़की और हरिद्वार के कुछ इलाकों में केबल टीवी पर भी रोक लगाई गई है।
महाराष्ट्र……
महाराष्ट्र के नंदुरबार में भीम सेना के कार्यकर्ताओं ने शहर की दुकानों को जबरदस्ती बंद करवाया। प्रदर्शनकारियों ने सोलापुर-पंढरपुर हाइवे जाम कर दिया। हिंसा के डर से सोलापुर में दुकानें बंद रहींह
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग…..
प्रदर्शनकारी SC/ST एक्ट में बदलाव का विरोध कर रहे हैं। दलितों व आदिवासियों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उनका जीना मुश्किल कर देगा। इन संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पूर्व की तरह लागू किया जाए। हालांकि मोदी सरकार ने मामले में पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला….
दरअसल, दलित और आदिवासी 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से भड़के हुए हैं। इस फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को बदल दिया है। कानून में लिखा है कि दलित आदिवासी के उत्पीड़न के आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने आदेश दिया था कि एससी-एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी न की जाए।
कोर्ट ने कहा कि दलित उत्पीड़न के मामलों में अग्रिम जमानत को मंजूरी दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस 7 दिनों की जांच के बाद ही गिरफ्तारी के बारे में सोचे और इसके बाद भी एसएसपी से नीचे के अफसर की मंजूरी के बिना गिरफ्तारी नहीं होगी। अगर आरोपी सरकारी अधिकारी है तो उसे नियुक्त करने वाले अफसर से मंजूरी लेनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को तमाम दलित संगठनों समेत कई राजनीतिक दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। सरकार ने इस पर सफाई देने के लिए रामविसाल पासवान को आगे किया था, लेकिन बीजेपी के अपने ही कई सांसदों ने सरकार पर हमला बोल रखा है।
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