किमती सामान छोड शासकीय दस्तावेजों की हुई चोरी | New India Times

शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT; ​किमती सामान छोड शासकीय दस्तावेजों की हुई चोरी | New India Timesकटनी जिला के विजयराघवगढ़ थाना अंतर्गत ग्राम रजरबारा नम्बर-1 में अजीब व गरीब चोरी की वारदात सामने आई है। यहां चोरों ने किमती सामानों को छोड़ सिर्फ शासकीय दस्तावेज चोरी की है। इस वारदात से पुलिस भ्रमित हो रही है। पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि चोर एक भवन में चोरी करते हैं और  लाखों की किमती वस्तुओं छोड कर सिर्फ दस्तावेज चोरी करते हैं। पुलिस इस असमंजस में है कि यह चोरी की वारदात है या अपने आप को बचाने के लिए चोरी का नाटक।

मिली जानकारी के मुताबिक रजरबारा निवासी वायुनन्दन सिंह चौहान ने सूचना के अधिकार के माध्यम से जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ के अंतर्गत ग्राम रजरबारा नम्बर-1 के सचिव आदित्य प्रताप सिंह से जानकारी मांगी थी, किन्तु सचिव सूचना के अधिकार पत्र पढ कर बौखला गया और वह वायुनन्दन को पावती देने से इंकार कर दिया। वायुनन्दन ने जब जानकारी लेने के लिए रजरबारा सचिव को डाक द्वारा 27-10-2017 को पोस्ट कर दी जिसमें जानकारी का लेने की अवधि एक माह नियमानुसार थी। सचिव ने जब डाक के माध्यम से सूचना का अधिकार पत्र पाया तो उसे दिन में तारे दिखने लगे, फिर क्या था समय के पूर्व ही अचानक सचिव को बचाने के लिए कुछ चोर आ गए और उन चोरों ने 23-11-2017 की रात्रि में पंचायत भवन पर घुस कर शासकीय दस्तावेज चोरी कर ली जबकि उसी भवन मे 32 ईंच कलर टीवी,  कम्प्यूटर सैट, महंगी कुर्सी-टेबल आदी भी थे, जिन्हें चोरों को देखना भी उचित नहीं लगा। वहीं बगल में शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर भी लाखों का अनाज रखा हुआ है,  चोरों ने उसे भी नहीं छुआ। 

सचिव आदित्य प्रताप सिंह ने दूसरे दिन सुबह विजयराघवगढ़ थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। शासकीय दस्तावेजों से चोरों को क्या मुनाफा हो सकता है? चोरी के पीछे कोई सडयंत्र है या कुछ और यह जांच का विषय है। वायुनन्दन सिंह का कहना है कि विजयराघवगढ़ पुलिस को शायद यह सब बातें नजर नहीं आ रहीं हैं। चोरी की वारदात को लेकर जहाँ ग्रामीण दहशत में हैं। ऐसे में पुलिस को दूध का दूध और पानी का पानी अलग कर हकीकत सामने लाना चाहिए। 

वैसे ग्रामीणों में यह चर्चा जोर पकड रही है कि चोरी किसी अन्य ने नहीं बल्कि अपने बचाव के लिए खूद करवाई गई है। लोगों का कहना है कि अपने बचाव के लिए क्या यह कदम उठाना उचित है?  शासकीय दस्तावेज के साथ खेल प्रशासन के दामन को दागदार कर रहा है। लोगों को यह उम्मीद है कि पुलिस अधीक्षक महोदय इस मामले का खुलासा जरूर करवाएंगे। ताकि कोई भी  इस तरह का सडयंत्र रच कर पुलिस को गुमराह न कर सके।


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