रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
सौंदर्यीकरण करने के साथ नाले के गंदे पानी को मिलने से रोकने के लिए अलग से पाइप लाइन डाली जाएगी। मंत्री निर्मला भूरिया के प्रयासों से योजना को मंजूरी मिली। अपने अस्तित्व को तलाश रही पेटलावद की पंपावती नदी का खोया वैभव फिर से लौटने की उम्मीद बंधी है। नदी फिर से कल-कल बहेगी तो वहीं घाट भी साफ सुथरे नजर आएंगे। नदी में नाले के पानी को मिलने से रोकने के लिए अलग से पाइप लाइन बिछाई जाएगी। जिससे पानी के प्रदूषित होने की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
यह सब होगा अमृत-2.0 के तहत। इसके अंतर्गत करीब 6 करोड़ 42 लाख की लागत से विभिन्न कार्य किए जाएंगे। राशि मंजूर करवाने में महिला एवम् बाल विकास मंत्री और पेटलावद विधायक निर्मला भूरिया ने अहम भूमिका निभाई है।
दरअसल जिम्मेदारी की अनदेखी और आम नागरिकों की उदासीनता के चलते कभी अपने पूरे प्रवाह के साथ बहने वाली पंपावती नदी वर्तमान में नाले में तब्दील हो चुकी है।
पूरे नगर का गंदा पानी इसमें मिलता है, जिसके चलते नदी का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है।
साथ ही तट के आसपास के हिस्से में बदबू आती है। ऐसे में महिला एवम् बाल वाली विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने नदी के उद्धार के लिए विशेष प्रयास किए।
जिसके बाद अमृत-2.0 में पंपावती नदी के सौंदर्यीकरण के लिए बड़ी राशि मंजूर कर दी गई।
क्या काम होंगे- नगर के मेला ग्राउंड के निकट पंपावती नदी के किनारे से करीब एक किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसके जरिए नगर के अलग अलग इलाकों से आने वाले गंदे पानी की निकासी की जाएगी- कॉलेज के पीछे बड़े पुलिया के पास नीचे एक चैंबर बनाकर गंदे पानी को इसमें डाला जाएगा। जिससे नदी में मिलने वाले गंदे पानी पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
जानिए अपनी नदी को
कभी कल कल बहने वाली पंपावती नदी अब दुर्दशा का शिकार होकर अपने अस्तित्व को तलाश रही है। यह नदी 32 किमी का सफर तय कर पहले लाड़की नदी और फिर माही नदी में मिलती है। नदी का कैचमेंट एरिया लगभग 47 हजार 487 हेक्टेयर है। पंपावती नदी 10 ग्राम पंचायत और एक नगर परिषद की सीमा सहित 25 गांवों से होकर गुजरती है। एक समय नदी में 12 माह पानी रहता था। यहां के घाट भी लोगों से आबाद हुआ करते थे।इस नदी का पानी पेयजल के लिए तो इस्तेमाल नहीं होता लेकिन जल स्तर बढ़ाने में मददगार है। जब तक नदी में पानी रहता है तब तक शहर के ट्यूबवेल और हैंड पंप रिचार्ज रहते हैं।
योजना को जल्द से जल्द मूर्तरूप दिया जाएगा
पंपावती नदी का सौंदर्यीकरण और उद्धार पूरे क्षेत्र के लोगों की मांग है। इसके लिए योजना स्वीकृत हो चुकी है उसे जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाएगा: निर्मला भूरिया, महिला एवम् बाल विकास मंत्री, मप्र शासन भोपाल।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.