अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
केंद्रीय हज कमेटी द्वारा एक ही देश के अलग-अलग प्रदेशों से हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए तय किए गए खर्च पर मध्यप्रदेश सर्वधर्म सद्भावना मंच के सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने चिंता वयक्त की है। उन्हों ने केंद्रीय सरकार से इस फ़र्क़ को खत्म कर हज यात्रियों को सहूलत दिए जाने की मांग की है। हाजी मोहम्मद इमरान ने कहा कि यह हज यात्रियों के साथ हुकूमत की न इंसाफी है इस बार फिर
सफर-ए-हज पर जाने वाले मप्र भोपाल के हाजियों को मुंबई, दिल्ली या देश के अन्य इंबोर्केशन पॉइंट्स के मुकाबले ज्यादा रकम भुकतान करना होगी रकम की यह अधिकता भी इतनी है कि सामान्य सफर पर जाने वाला यात्री इस राशि में भोपाल से दिल्ली या मुंबई की कई बार यात्रा करके लौट आए।
देशभर के अलग-अलग प्रदेशों से हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए केंद्रीय हज कमेटी ने खर्च की अलग अलग दरें निर्धारित कर उनसे बकाया रकम जमा करने का आदेश जारी किया है। इस राशि की अदायगी के लिए 27 अप्रैल की अंतिम तारीख तय की गई है जो हज यात्रियों के लिए दुविधा असुविधा का कारण बनी हुई है और मध्यप्रदेश हज कमेटी को मध्यप्रदेश और भोपाल के हज यात्रियों के लिए कोई चिंता नहीं है।
केंद्रीय हज कमेटी द्वारा तय की गई हज राशि में मुंबई इंबोर्केशन पॉइंट का खर्च 3 लाख 21 हजार 150 निर्धारित किया गया है। जबकि दिल्ली इंबोर्केशन पॉइंट के लिए यह खर्च 3 लाख 30 हजार 100 रुपए है। इसके विपरीत मप्र के दोनों इंबोर्केशन पॉइंट इन दोनों शहरों से महंगे। जहां भोपाल के हाजियों को दिल्ली के मुकाबले 57 हजार तो मुंबई के मुकाबले 66 हजार रुपये ज्यादा अदा करना होंगे। इसी तरह इंदौर के हाजियों के लिए दिल्ली के मुकाबले 68 हजार और मुंबई के मुकाबले 50 हजार रुपये ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। जबकि भोपाल या इंदौर से मुंबई और दिल्ली का हवाई किराया 5 से 7 या 10 हजार रुपये में पूरा हो जाता है
केंद्रीय हज कमेटी द्वारा एक ही देश के अलग-अलग हाजियों के लिए तय किए खर्च में बड़ी असमानता है। जहां तय किए गए खर्च में सबसे सस्ता मुंबई है। इसका कुल खर्च 3 लाख 21 हजार 150 रुपये है। वहीं देश का सबसे महंगा हज खर्च बिहार के गया इंबोर्केशन के लिए तय हुआ है। यहां से हज पर जाने वाले एक हाजी को 4 लाख 11 हजार 600 रुपये भुगतान करना होगा
हाजी मोहम्मद इमरान का कहना है कि आम दिनों में मक्का मदीना के लिए उमराह सफर के लिए अधिकतम राशि 80 हज़ार एक से सवा लाख तक ली जाती है। इस राशि में निजी टूर ऑपरेटर टिकट, वीजा, होटल, खाना पीना, लोकल कन्वेंस से लेकर लॉन्ड्री और गाइड तक मुहैया कराते हैं, लेकिन हज खर्च इसके मुकाबले कई गुना वसूला जा रहा है।
सरकारी व्यवस्था में होने वाली इस यात्रा में ठहरने के इंतजाम से लेकर एयर लाइंस तक की शिकायतें भी शामिल रहती हैं हाजी मोहम्मद इमरान ने कहा कि सरकारों के जिम्मे सभी धर्मों की आस्थाओं को ख़्याल कराना होता है मुस्लिम समुदाय भी इस देश का नागरिक और हर तरह से मुल्क़ की तरक्की में योगदान देता है तो उनके लिए भी उचित रास्ते निकाले जाने चाहिए और कम से कम खर्च में हज यात्रियों को हज पर भेजने के प्रयास करना चाहिए।
वही मध्यप्रदेश हज कमेटी भी सिर्फ नाम निहाद की है जो केंद्रीय सरकार के इस फैसले पर खामोश है और कोई उचित निर्णय नही लिया जा रहा दूसरी और हज कमेटी मध्यप्रदेश द्वारा हज यात्रियों की सेवा में भी कोई ठोस कदम नही उठाए जाते इतनी बड़ी धन राशि भुगतान करने के पश्चात भी सुविधाओं के नाम पर कुछ नही जैसे ही हज का समय आएगा सामाजिक संस्थाए अपना कर्तव्य निभाएगी जो सवाब की नीयत से होगा जगह जगह नोजवान बे लोस बिना किसी शुल्क के अपनी सेवाएं हज यात्रियों को देंगे पर हज कमेटी की और से कोई ठोस क़दम नही उठाए जाते दूसरी और ख़ादिम उल हुज्जाज में सिर्फ विभाग के लोगों को ही भेजा जाता है इस की पात्रता को ख़त्म किया जाए और हर केटेगरी के लोगों को हाजियों की सेवा का अवसर प्रदान किया जाए ऐसे ट्रेनिंग शुदा उलमा इकराम हाफिज़ नोजवान सेवक सामाजिक संस्थाओं के ज़िम्मेदार जो अपना फर्ज हज अदा कर चुके हो उन्हें ख़ादिम उल हज का अवसर प्रदान किया जाए जिनको हज अदा करने और करवाने की दीनी व दुनयावी पूण जानकारी हो दूसरी और हज का समय निकट आने से पूर्व भोपाल रुबात का मसला हल किया जाए एवं मक्का मदीना में हज यात्रियों के लिए रुबात के इंतेज़ाम पहले से सुनिश्चित किए जाएं।
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