पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्मशताब्दी के अवसर पर गुरुवार को यहां स्थित आईकॉम सेंटर पर आर्य समाज मंदिर, मुरार के पदाधिकारियों ने शहर के वरिष्ठ समाज सुधारक डॉ. केशव पाण्डेय जी का पुष्पगुच्छ व शाल श्रीफल से सम्मान कर महर्षि दयानंद सरस्वती की रचित पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाशÓ भेंट की। इस अवसर पर मुरार आर्य समाज मंदिर के प्रधान राम प्रकाश वर्मा, आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री, बीएल अहिरवार, दलबीर सिंह कुशवाहा, विकास शर्मा, अंकित शुक्ला, प्रवीण कामठान, भगवत प्रसाद मुदगल, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ. केशव पाण्डेय ने स्वामी दयानंद सरस्वती के व्यक्तित्व व कतृत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. पाण्डेय ने कहा कि समाज को नैतिक पतन से रोकने के लिए हमें अपने अंदर झांककर देखना होगा। सोचना होगा कि आखिर यह पतन क्यों हो रहा है? इस पर अगर हम चिंत करें तो समाधान खुद व खुद मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें चारित्रक पवित्रता को बनाए रखना होगा। स्वामी दयानंद सरस्वती, महात्मा गांधी जी सरीखे महापुरुष आंतरिक पवित्रता के कारण ही महान कहलाए। उन्होंने कहा कि आंतरिक पवित्रता के बिना हम समाज में उच्च मानदंड स्थापित नहीं कर सकते।
दयानंद जी समाज सुधारकों में अग्रणी थे। उन्होंने महिलाओं के सामाजिक उन्नयन और जीवनस्तर में सुधार की दिशा में अनेक कार्य किए। उनके सेवाकार्य ही आज उन्हें अमर बनाए हुए हैं। डॉ. पाण्डेय ने कहा कि सेवाकार्य ऐसा पुनीत कार्य है जिससे व्यक्ति व्यक्तिनिष्ठ से समिष्ठ की ओर प्रवृत्त होता है।
इससे पहले आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने स्वामी दयानंद जी सरस्वती के 200वीं जन्मशताब्दी पर आर्य समाज द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डॉ. केशव पाण्डेय ग्वालियर के एक ऐसे संपूर्ण व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने समाज सेवा के माध्यम से अनेकों प्रतिमान गढ़े हैं। आर्य समाज संस्था ऐसे व्यक्तित्व को सम्मानित करके गर्व महसूस कर रही है।
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