खुशहाल जीवन के लिए दिव्य गुणों और शक्तियों को करें धारण: राजयोगिनी ऊषा दीदी | New India Times

गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ग्वालियर के तीन केंद्रों का हुआ उद्घाटन। जिसमें झूलेलाल कॉलोनी (समाधिया कॉलोनी), हक्सर कॉलोनी मुरार (टप्पा तहसील के पास) तथा विद्या नगर (न्यू कलेक्टोरेट के सामने के) कार्यक्रम में सिटी सेंटर केंद्र प्रभारी बीके चेतना बहन ने सभी का स्वागत किया। ततपश्चात बीके ऊषा दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि क्रोध पर विजय पाने का तरीका कमज़ोरी से कमज़ोरी को खत्म नहीं किया जाता, कमज़ोरी को किसी शक्ति से सकारात्मकता से खत्म किया जा सकता है।

मैडिटेशन के द्वारा खुद को चार्ज किया जाता है कमजोरी को पहचानकर उसको सुधारना ही सफलता प्राप्त करना है यदि कोई आपको आपकी कमजोरी बताए तो उसको सुनें उसका शुक्रिया करें उसको डिफेंट ना करें ऐसी कमजोरी की पैरवी करें उसको बढ़ाये नहीं उसको स्वीकार कर के उसको खत्म करने का उपाय् सोचें। कमज़ोरियों की लिस्ट तैयार करनी है हर कोई अपनी कमज़ोरी को जानता है। यदि किसी को क्रोध आता है तो क्यों आता है शांति की कमी, धैर्यता की कमी, इस शक्ति के आभाव में क्रोध आता है।

उसके लिए ब्रह्ममुहूर्त (अमृतवेले) में बैठ कर सर्वशक्तिमान परमात्मा से रोज 7 दिनों तक शांति की शक्ति का आहवान करें तो उस शक्ति की अनुभूति होती रहेगी। ऐसे ही अन्य गुणों और शक्तियों से स्वयं को भरपूर कर सकते हैं।
निर्विघ्न और खुशहाल जीवन जीने के लिए उन गुणों और शक्तियों को अपने अंदर भरें। विघ्न आता है तो अनुभवी बनाने के लिए आता है लेकिन अनुभवी होने के बाद उस अनुभव से उस परिस्थिति का सामना करें। परमात्मा को अपना साथी बना लो और तो उनकी मदद अवश्य मिलेगी। कोई बात किसी से बार बार आ रही है तो जरूर कोई कार्मिक खाता है तो उसको क्यों क्या कैसे कब प्रश्नों में दुखी ना हो उसको शुभ भावना से खत्म करें। यदि ऐसा नहीं किया तो वो आपकी खुशी को समाप्त करेगा।

नकारात्मक चिंतन से अपने को दूर रखें। यदि कोई हमसे ईर्ष्या कर रहा है। तो चिंतित न हो उसके लिए शुभ भाव रखें। क्योकि कोई हमारा भाग्य नहीं मिटा सकता। यदि कोई उस भाग्य को मिटा सकता है तो वो हम स्वयं ही हैं, इसलिए भाग्य को ऊंचा रखने के लिए सदैव श्रेष्ठ कर्म करते रहें। कहावत भी है निंदा हमारी जो करे सो मित्र हमारा होय। इसलिए निंदा करने वाले को अपना मित्र मानों तो कभी चिंता भी नहीं होगी और हम अपने जीवन को भी अच्छा बना सकेंगे।

इस अवसर पर म.प्र. भोपाल ज़ोन की सभी जिलों की प्रभारी बहनें भी उपस्थित रहीं। इसके साथ ही शाम को माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में दीदी जी का व्याख्यान हुआ। जिसमें उन्होंने संस्थान से जुड़े भाई एवं बहनों को आध्यात्मिक रीति से कैसे हम अपनी उन्नति करें इसके बारे में विस्तार से बताया। बीके आदर्श दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में संस्थान से जुड़े सैकड़ों भाई एवं बहनों ने शिरकत की।


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