रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने वात्सल्य ग्राम वृन्दावन में नवनिर्मित संविद् गुरूकुलम् बालिका सैनिक विद्यालय का फीता काटकर किया उद्घाटन | New India Times

अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:

भारत सरकार के माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वृन्दावन स्थित वात्सल्य ग्राम में नवनिर्मित संविद् गुरूकुलम् बालिका सैनिक विद्यालय का फीता काट उद्घाटन किया। समविद् गुरूकुलम् बालिका सैनिक विद्यालय परिसर में मां सरस्वती की मूर्ति पर दीप प्रज्जवलित किया। उन्होंने नवनिर्मित विद्यालय का अवलोकन किया, उपस्थित बालिकाओं से वार्ता की और सभी को आशीर्वाद दिया।
उद्घाटन के पश्चात माननीयों ने वात्सल्य ग्राम में चल रहे त्रिदिवसीय षष्ठीपूर्ति महोत्सव में प्रतिभाग करते हुए साध्वी ऋंतभरा जी के 60वें जन्मदिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं दी।

कार्यक्रम में माननीय रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह ने कहा कि आज यहाँ आने से पहले मन में बहुत कुछ कहने के लिए था, परन्तु अब इस मंच पर पूज्य गुरुदेव युगपुरुष जी और अन्य तेजस्वी संत महात्माओं का दर्शन करने के बाद कहने के लिए कोई शब्द नहीं बचे हैं। भक्तिभाव अवश्य प्रबल हो उठा है। जिनके जीवन की साधना राधा हैं, जिनके जीवन का सबकुछ राधा हैं, ऐसे मनुष्यों के जीवन में पाने के लिए और कुछ शेष नहीं रह जाता है। ऐसी ही हमारी पूज्य दीदी माँ हैं, जिनकी सम्पूर्ण वृत्ति ही राधामय हो गई है। ऐसी राधारानी की अतिप्रिय दीदी माँ के षष्ठीपूर्ति दिवस पर मैं उनका कोटि-कोटि आभार व्यक्त करता हूँ, उन्हें शुभकामनायें प्रदान करता हूँ। आपने श्रीराम जन्मभूमि को धार देने का कार्य किया था, जो हिन्दू समाज पर उनका ऋण है। आज वो भगवान् योगेश्वर श्रीकृष्ण की लीलाभूमि पर सेवा के अनेक कार्य संचालित कर रही हैं, जो कि राष्ट्र निर्माण के लिए उनका अनुपम योगदान है।

उन्होंने कहा कि उन्हे उनके गुरू युगपुरूष परमानन्द महराज ने सामाजिक समरसता बनाने का जो काम अब सौंपा है उसमें भी वे खरी उतरेंगी। आज के व्यस्ततम जीवन में एक ऐसी पीठ का संचालन करना जो समाज के उत्थान के लिए कार्य करती हो यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि दीदी मां ने समाज को अपना परिवार ही नहीं मान लिया बल्कि उन्होंने पीठ के माध्यम से इस भाव को इस प्रकार उतारा है जो राष्ट्र के प्रति इनकी निष्ठा को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि देश के ऋषियों और महर्षियों ने भारत की सीमाओं पर रहने वाले लोगों को न केवल अपना परिवार माना है बल्कि उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम की बात कह कर अपने और पराए के भेद को समाप्त किया। दुनिया के किसी देश ने ऐसा संदेश नही दिया। आज उत्तर प्रदेश का वातावरण बदला है। उन्होने उपस्थित समुदाय की ओर इंगित करते हुए कहा कि इसे वे महसूस करते होंगे। यह बदलाव इसलिए आया है कि एक संत के हाथ में प्रदेश की बागडोर है। उन्होंने इस बदलाव के लिए योगी को साधुवाद देते हुए कहा कि योगी जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था चला रहे हैं उससे जनता के मन में सुरक्षा के साथ समृद्धि और गौरव का भाव पैदा हुआ है। उनका कहना था कि इसके साथ ही संतों के मन में यह भाव आया है कि जब तक किसी संत के हाथ में शासन व्यवस्था रहेगी तब तक प्रदेश के चतुर्दिक विकास को कोई रोक नही सकता है। वैसे भी जिस धरती पर कान्हा निवास करते हों वहां का विकास कोई रोक ही नही सकता।

रक्षा मंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण का श्रद्धा से नाम लेते हुए कहा कि जिसके नाम में आकर्षण हो तथा जहां पर राधा भाव इतना प्रधान हो कि एक रिक्शा चालक भी मार्ग खाली करने के लिए राधे राधे कहता हो उस भूमि में आकर उनका भी रोम रोम पुलकित हो जाता है। यह इस भूमि का ही असर है कि विदेशी यहां जब दर्शन को आते हैं तो यहां की भक्ति और शांति को देखकर उसमें रम जाते है और फिर वे यहीं के हो जाते हैं। उनका कहना था कि राधा कृष्ण की धरती पर भक्ति के साथ शांति मिली हुई है। यहां के वातावरण में राधा और कृष्ण कण कण में बसे हुए हैं। पहले यातायात के साधन नही थे किंतु दुर्गम मार्गों पर चलकर संत विदेश की यात्रा कर चरित्र निर्माण की शिक्षा देते थे। भारत का यह संदेश तथा वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देने के लिए उन्होंने कई देशों का भ्रमण किया।

शिकागो में हुए धार्मिक सम्मेलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द वहां पर भारतीय संतों की वेष भूषा यानी गेरूआ वस्त्र में गए थेे जब कि अन्य देशों के लोग वहां पर सूट टाई लगाकर बैैठे थे। सभी लोग आश्चर्यचकित होकर विवेकानन्द की ओर देख रहे थे। एक सज्जन ने तो उनसे कह ही दिया कि जब उन्हें ऐसे कार्यक्रम में आना था तो ठीक कपड़े पहनकर आना चाहिए था। विवेकानन्द ने उस समय इसका जवाब नही दिया किंतु जब बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि ’’तुम्हारे देश में तो कपड़ा सिलनेवाला मनुष्य बनाता है किंतु हमारे देश में चरित्र से मनुष्य का निर्माण होता है। उन्होंने बताया कि आज उन्होंने देश के प्रथम बालिका सैनिक स्कूल का लोकार्पण वात्सल्य ग्राम में किया जब कि इस पावन भूमि में यह लोकार्षण किसी संत द्वारा होना चाहिए था। उन्होने कहा किंतु उन्हें खुशी है कि उदघाटन के समय गोरक्षपीठाधीश्वर भी शामिल थे जो कि एक महान संत भी हैं। रक्षा मंत्री ने पूर्व में कहा कि आज अंग्रेजी कलेन्डर का नया वर्ष शुरू हो रहा है। उन्हें ,खुशी है कि इस अवसर पर उन्हें संतों का आशीर्वाद मिला है।

कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राधे राधे कहते हुए अपना संबोधन प्रारम्भ किया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साल का प्रथम दिन है और वृन्दावन बिहारी लाल जी के सानिध्य में इस वात्सल्य धाम में भारत के आधी आबादी के सशक्तिकरण के लिए क्या अभियान चलना चाहिए उसका एक मूर्तरूप हम सबको देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने वात्सल्य ग्राम की स्थापना एवं बेहतर संचालन हेतु साध्वी ऋंतभरा जी का अभिनन्दन एवं स्वागत किया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आधी आबादी लम्बे समय तक गुलामी काल खण्ड के रूढ़िगत विचारों और कुप्रथाओं का शिकार रही है।

अलग अलग क्षेत्रों में प्रयासरत लेकिन यह प्रयास अद्भूत था, एक तरफ आदरणीय ऋंतभरा जी का षष्ठीपूर्ति का यह समारोह और दूसरी ओर वात्सल्य ग्राम की रजत जयन्ती का वर्ष अभी विगत वर्ष ही संपन्न हुआ है। आज एक नये कार्यक्रम का शुभारम्भ भी यहां हो रहा है। वात्सल्य धाम में बालिकों के सैनिक स्कूल का शुभारम्भ भी हो रहा है और रक्षा मंत्री के कर कमलों से भी उसका उद्घाटन पूज्य संत महामण्डलेश्वर पूज्यस्वामी परमानन्द गिरी जी महाराज के कर कमलों से माननीय रक्षा मंत्री के सानिध्य में संपन्न हुआ है। भारत की मिशन शक्ति का यह अद्भुत उदाहरण हम सबके सामने प्रस्तुत हो रहा है। समाज को सशक्त-समर्थ होना है, तो नारी शक्ति की सुरक्षा, उनके सम्मान, स्वावलम्बन के कार्य के बिना संपन्न नहीं हो सकता। इसके लिए हम सबको जुटना पडेगा, समाज को अपनी रूढ़िगत मानसिकता से उभरना पडेगा और मैं इस बात के लिए रक्षा मंत्री जी और आदरणीय प्रधानमंत्री जी का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हॅू कि सैनिक स्कूलों में बालिकाओं का प्रवेश हो इसके लिए उन्होंने अनुमति दी।

देश के अन्दर सैनिक स्कूलों की परम्परा उत्तर प्रदेश ने 1960 में प्रारम्भ की थी, जब डाॅक्टर संपूर्णानन्द जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। डाॅ0 संपूर्णानन्द जी ने देश का पहला सैनिक स्कूल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित किया। मुझे 2017 में लखनऊ के सैनिक स्कूल में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था, तब मैंने वहां अलगे सत्र में बालिकाओं का एक बैच प्रवेश करने के लिए कहा और 2018 में इस कार्यक्रम को प्रारम्भ किया गया। सैनिक स्कूल लखनऊ को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि देश के सेना का सर्वोच्च मेडल परमवीर चक्र लखनऊ के सैनिक स्कूल के एक छात्र कैप्टन मनोज पाण्डेय को प्राप्त हुआ। जो कारगिल के युद्ध में देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे और इसलिए हम लोगों ने निर्णय लिया कि लखनऊ का सैनिक स्कूल कैप्टन मनोज पाण्डेय सैनिक स्कूल के रूप में जाना जायेगा।

श्री योगी ने कहा कि पहले देश फिर धर्म फिर परिवार और अंत में अपना व्यक्तिगत, जो कुछ भी हैं वह अंत में आयेगा। अगर यह भाव हम सब भारतवासियों में आ गया, तो मा0 प्रधानमंत्री जी का विकसित भारत का लक्ष्य/संकल्प 2047 तक पूर्ण हो जायेगा। विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अगर हम सब एकजुट होकर कार्य करना प्रारम्भ कर लें, इसके लिए उन्होंने पंच प्रण दिये। यह पंच प्रण हर भारतवासी के लिए, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करना है (वोकल फाॅर लोकल)। स्थानीय चीजों को प्राथमिकता के आधार पर बढ़ाने का प्रयास है, लेकिन गुलामी के अंशों को सर्वाथा समाप्त कर विरासत का सम्मान करना, तो सम्रस्था और एकता-अंखण्डता के लिए कार्य करना और अंत में नागरिकों सभ्य, हम सबके नागरिक कर्तव्य क्या हैं, इन नागरिकों कर्तव्यों के प्रति भी अगर हर व्यक्ति जागरूक होकर के कार्य करता है, तो कोई कारण नहीं यह पंच प्रण 2047 आते आते भारत को दुनिया की एक बड़ी ताकत के रूप में स्थापित कर सकें, कोई इसको रोक नहीं सकता है।

उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी 30 दिसम्बर को अयोध्या धाम पहुॅचें। अयोध्या में चारो ओर से फोर लेन रोड की कनेक्टीविटी हो गई है। बाहर से ही नहीं बल्कि अयोध्या के अन्दर भी आपको चार लेन और छः लेन की सड़कें मिलेंगी। 22 जनवरी 2024 के बाद जाकर अयोध्या धाम को देखें, तो आपको त्रेतायुग याद आ जायेगा। हजारों वर्ष पहले प्रभुराम पुष्प विमान से अयोध्या आये होंगे और अब तो अयोध्या में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का भी उद्घाटन हो गया है। रेलवेलाइन को डबल लाइन के साथ जोड़ा जा चुका है और एक स्टेशन का उद्घाटन मा0 प्रधानमंत्री ने स्वयं किया है। अयोध्या और उसके आस पास पांच-छः नये स्टेशनों का विकास किया जा रहा है, किसी को भी समस्या नहीं होगी। अयोध्या को सड़क मार्ग, रेल मार्ग, वायु मार्ग से जोड़ दिया गया है और जलमार्ग से जोड़ने की कार्यवाही भी प्रारम्भ हो गई है।

जीवन में अनुशासन एवं सैनिकशक्ति का अनुशासन हम सबको आगे बढ़ाने में मदद करेगा। भारत की शक्ति का एहसास दुनिया को करायेगा। एक स्वर में जब 140 करोड़ भारतवासी भारत की आन मान और शान की रक्षा का कार्य अपने हाथों में लेकरके इस अभियान के साथ जुड़ेगे, कृतज्ञ भाव के साथ नेशन फस्ट के भाव के साथ जुड़ेगें, तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको झुका नहीं सकती है, कोई भी आपका मार्ग नहीं रोक सकती है। हम सब उस मार्ग के प्रतीक बनें। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है, एक नये भारत का दर्शन हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब संघर्ष से नहीं अब संवाद से सारी समस्याओं का समाधान का रास्ता निकलने वाला है। हम देश के प्रति अपना सर्मपण भाव व्यक्त करते रहें और बिना डिगे, बिना हटे बिना झुके लगातार आगे बढ़ने के लिए हम तत्पर रहें।
ब्रजक्षेत्र हमारे लिए बहुत पवित्र भूमि है और इसके विकास के लिए पहले से ही कार्यक्रम प्रारम्भ हो चुके हैं। यहां के विकास के लिए मथुरा वृन्दावन नगर निगम एवं उत्तर प्रदेश ब्रजतीर्थ विकास परिषद तेजी से कार्य कर रहा है। वात्सल्य ग्राम में इस भव्य आयोजन के लिए मा0 मुख्यमंत्री ने आदरणीय साध्वी ऋंतभरा जी का ह्रदय से अभिनन्दन किया और उनको बधाई दी। उन्होंन उनके स्वस्थ एवं दीर्घ आयु की कामना की।

कार्यक्रम में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, उ0प्र0 बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष किशन सिंह चैधरी, महापौर विनोद अग्रवाल, विधायक मथुरा श्रीकांत शर्मा, विधायक मांट राजेश चैधरी, विधायक गोवर्धन मेघश्याम सिंह, विधायक बल्देव पूरन प्रकाश, एमएलसी ओम प्रकाश सिंह, एमएलसी अशोक कटारिया, उत्तर प्रदेश ब्रजतीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, मण्डलायुक्त रितु माहेश्वरी, एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ, आईजी दीपक कुमार, जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय, वीसी नगेन्द्र प्रताप, नगर आयुक्त शशांक चैधरी, ज्वांइट मजिस्टेट शाश्वत त्रिपुरारी आदि मौजूद रहे।


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