अपने निर्वाचन क्षेत्रों में फूटी कौड़ी का निवेश लाने में नाकाम नेता कर रहे हैं FDI की पतंगबाजी, मंत्रियों के शहरों में सबसे अधिक बेरोज़गारी | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

अपने निर्वाचन क्षेत्रों में फूटी कौड़ी का निवेश लाने में नाकाम नेता कर रहे हैं FDI की पतंगबाजी, मंत्रियों के शहरों में सबसे अधिक बेरोज़गारी | New India Times

उद्धव ठाकरे की सरकार को गिराने के बाद महाराष्ट्र में भाजपा के समर्थन से बनी शिंदे-फडणवीस सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में लगने वाले करीब 50 हजार करोड़ रुपए के निजी प्रोजेक्ट्स गुजरात शिफ्ट करवा दिए गए। लोकसभा चुनाव को सामने रखकर FDI को लेकर शिंदे – फडणवीस सरकार के शैडो मंत्री अपने फेसबुक पेजेस को भरने में लगे हैं। इन मंत्रियों में पांच और छह बार के वर्तमान विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में रोज़गार और विकास के लिए एक फूटी कौड़ी का निवेश कर कोई सरकारी या निजी प्रोजेक्ट नहीं लगवाया। अभी तो जो कारखाने शुरू थे उनको बंद कराया जो शुरू होने थे उनको कभी शुरू होने नहीं दिया।

खेती की सिंचाई के लिए पानी और पानी को लिफ्ट कराने 24/7 बिजली, फसल को उचित MSP जैसे मुद्दों की राजनीति करने वाले नेताओं ने कृषि क्षेत्र को लेकर जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया है। चंदे के पैसों से पहला चुनाव जितने वाले नेता आज दस दस हजार करोड़ रुपए तक की संपत्ति के धनी है। 2012 को जलगांव में बनने वाला कॉटन टेक्सटाइल पार्क 2014 में जामनेर शिफ्ट कर दिया गया पर आज तक कही बना नहीं। ज़िले के तीनों मंत्रियों के अपने शहरों में बेरोज़गारी का आलम यह है कि अवसाद ने बेरोजगारों के भीतर अपना रोज़गार ढूंढ लिया है। सैकड़ों आवेदक ज़िला परिषद पंचायत समिति नगर परिषद में पांच दस हजार रुपए महीने की संविदा कर्मी की नौकरी पाने के लिए मंत्रियों के आलीशान बंगलों की ख़ाक छान रहे हैं।

धर्म ने तर्क को अधर्म घोषित कर दिया है सवालों की संभावना दम तोड़ रही है। नागपुर शीत सत्र का काम-काज बेनतीजा रहा कपास प्याज को ना सब्सिडी मिली और ना हि अनूदान। अकाल और बेमोसमी बारिश से सूबे में एक लाख एकड़ की फसलें बर्बाद हो चुकी है राहत के नाम पर किसानों को कोई पैकेज नहीं मिला। FDI की जगह महाराष्ट्र को केंद्र सरकार से GST का कितना फंड मिला उसकी बात बेगानी कर दी गई है। सीमेंट कांक्रीट के राजमार्ग पर लाखों रुपए की लागत से बने चालक विश्राम गृह खंडहर बन रहे हैं। 753L , 753J , 753F के मुआयने के बाद सच्चाई खुलकर सामने आती है। इस पर नेता चुप हैं हां जनता ने कांग्रेस के राज में ऐसी सड़के कभी देखी नहीं नेताओं का यह उपकारजदा बयान लोगों को झकझोरने लायक है‌।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading