मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
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जिले की नेपानगर विधानसभा के लिए कांग्रेस की अधिकृत घोषित प्रत्याशी गेंदू बाई चौहान के नाम की घोषणा के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा उनका मुखर होकर विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस के नाराज़ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के घोष आईटी अधिकृत प्रत्याशी गेंदु बाई चौहान के विरुद्ध बैठक कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से प्रत्याशी बदलने की मांग की है। गेंदू चौहान को टिकट दिए जाने से नाराज अन्य 11 उम्मीदवारों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि नेपानगर से जिसको टिकट दिया गया है वो महिला अभी अभी भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुई है। ये महिला ना तो पूर्ण रूप से आदिवासी है और ना ही सामान्य। तो फिर उसे किस आधार पर प्रत्याशी बनाया गया ? टिकट पैसों के आधार पर दिया गया है ? ऐसा ही करना था तो कमलनाथ द्वारा टिकट का वितरण सर्वे के आधार पर होने की बात क्यों कही गई थी ? ग्यारह 11 उम्मीदवारों द्वारा कमलनाथ को चुनौती देते हुए कहा गया है कि अगर गेंदू बाई चौहान को हटाकर हमें टिकट नही दिया गया तो हम सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने पद से सामूहिक इस्तीफा देकर हम सब मिलकर किसी एक को निर्दलीय चुनाव में उतारेंगे।
कांग्रेस पार्टी के पद अधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा गेंदू चौहान को प्रत्याशी घोषित करने का विरोध जताते हुए कांग्रेस पार्टी की अधिकृत घोषित उम्मीदवार गेंदु चौहान और कांग्रेस पार्टी के जिला संगठन प्रभारी कैलाश कुंडल का पुतला जला कर आक्रोश व्यक्त किया गया और 21 अक्टूबर को भोपाल जा कर कांग्रेस हाईकमान से मिलकर प्रत्याशी गेंदू चौहान का नाम लिस्ट से हटाकर रामकिशन पटेल , कमल अलाव, कांति कास्डे, निर्मला जावरकर , अंतर सिंह बरडे, प्रेम सिंह जमरा, बिलाल सिंह, जमरा शिवलाल सोलंकी, बबीता वास्कल्ले, वासू कास्डेकर में से किसी एक का चयन कर प्रत्याशी घोषित करने की मांग की जावेगी। अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस हाईकमान, प्रत्याशी के नाम में कोई बदलाव लेगी या नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस पदाधिकारी इस्तीफा देते हैं या पार्टी से बगावत कर अपना कोई निर्दलीय उम्मीदवार चयन करते हैं ? आपको बता दें कि मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी की पहले ही तीन लिस्ट जारी हो चुकी थी जिसमें नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी का नाम रिक्त रखा गया था और कल जैसे ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा की वैसे ही कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी बगावत पर उतर आए।
आपको यह भी बता दे की कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन करने से कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी को नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। कांग्रेस पार्टी में हो रही बगावत से सियासी समीकरण कहीं ना कहीं बीजेपी के हक़ में फायदेमंद साबित का अंदेशा है। कांग्रेस ग्रामीण जिला अध्यक्ष रामकिशन पटेल के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन से जिले में आदर्श आचार संहिता का उलंघन होता नजर आया है। इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ता नारेबाजी करते नजर आए और कांग्रेस विधानसभा पर्यवेक्षक कैलाश कुंडल और गेंदु चौहान के पुतले का दहन किया गया जिसके लिए आचार संहिता में अनुमति नहीं दी जाती है तो क्या कांग्रेस द्वारा किए गए आदर्श आचार संहिता उलंघन के लिए ग्रामीण जिला अध्यक्ष पर जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही की जाएगी?
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