सूदखोर से तंग आकर किसान ने की आत्महत्या, शव रखकर परिजनों ने की ब्याज खोर पर कार्रवाई की मांग | New India Times

मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:

छिन्दवाड़ सूदखोरी के चंगुल में फंसे एक किसान का प्लाट और मकान बिक गया। लेकिन मूल रकम ज्यों की त्यों बनी रही थक-हार कर किसान ने मौत को गले लगाने से पहले सुसाइड नोट लिखा। मिली जानकारी अनुसार पुलिस थाना सौसर के अंतर्गत ग्राम निमनी के किसान आनंद राव ठाकरे ने ब्याज पर रकम ली। जिसका ब्याज इतना अधिक चुकाते चुकाते किसान के प्लाट-मकान बिक गए लेकिन ब्याज की रकम बढ़ते रही जिससे त्रस्त होकर किसान ने आत्महत्या कर ली। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार निमनी गांव के आनंद राव ठाकरे 47 वर्षीय ने कर्ज से त्रस्त होकर आत्महत्या की पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पीएम करवाया और आगे की कार्यवाही की। कर्जदारों की प्रताड़ना से तंग आकर किसान ने अपना सब कुछ जाता देख मौत को गले लगाया।

लोन बांटने वाली प्राइवेट कंपनियों का मकड़जाल जिले में फैला जिले में लोन बांटने वाली प्राइवेट कंपनियों का जाल इस कदर फैल गया है। तहसील क्षेत्रों में बकायदा आलीशान दफ्तर खोलकर लोगों को ऋण दिया जा रहा है। भोली-भाली महिलाओं का ग्रूप बनाकर या फिर जमीन गिरवी रखा के आदिवासी क्षेत्रों के छोटे-छोटे गांव में समूह के नाम पर फाइनेंस कंपनियां लोगों को मोटी रकम मुहैया करा रही है। और बदले में उनसे लाखों रुपया महीना ऐंठती रही है। सूत्रों ने बताया कि 12 से 15 प्राइवेट कंपनियों के दफ्तर बाकायदा चल रहे हैं अब सवाल उठता है। कि इतने बड़े पैमाने पर फाइनेंस कंपनियां अपने कर्मचारी रखकर महिलाओं को लोन बांट कर उनसे मोटी रकम वसूल रहे है। गरीब परिवारों की महिलाएं लोकलुभावनी बातों में आकर लोन के चंगुल मे फंस जाती और जब महिलाएं किश्त की राशि चुकाने में असमर्थ होती तो रिकवरी एजेंट और बीएम महिलाओं को अपमानित कर सरेआम बेइज्जत करते हैं। मनमाने तरीके से ब्याज वसूलने का धंधा इस प्रायवेट कंपनियों का चल रहा है। जहां लोगों को सिविल चेक और लोगिन फीस के नाम पर फाइनेंस कंपनियां ठग रही हैं।


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