शिक्षा ही जीवन का मूल मंत्र हो: डॉक्टर युसुफ़ भाई अली पीथापुर वाला | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/फिरोज लिमखेडा, झाबुआ (मप्र), NIT:

दाहोद अमेरिका में रह कर देश (भारत) के लिए करने का अगर उद्देश्य है तो भारतीय मूल के अमेरिका निवासी डॉक्टर युसुफ़ भाई अली पीथापुर वाला का जिन्होंने अमेरिका में रह कर अपने गृह नगर के एक सरकारी स्कूल में लाखों रुपए की लागत से दो बड़े- बड़े कमरे बना कर सरकार को समर्पित किये।
मामला है गांव पीथापुर (झालोद) जिला दाहोद गुजरात में प्राथमिक विद्यालय पीथापुर में विद्यालय मे कमरे की कमी को देखते हुए दो बड़े-बड़े कमरे बना कर सरकार को समर्पित किये।

इस अवसर पर जिला पंचायत प्रमुख शीतल बेन वाघेला मार्ग दर्शक शब्बिर भाई कुरबान हुसैन पीथापुर वाला एवं दाहोद नगर पालिका पार्षद श्रृद्धा बेन भंदग के कर कमलों द्वारा उदघाटन किया गया।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रिंसिपल एवं शिक्षक छात्र छात्राओं एवं नगर जनो की उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अमेरिका से डॉक्टर युसुफ़ भाई (अली ) पीथापुर वाला ने फ़ोन पर अपने उद्बोधन में कहा कि प्रत्येक छात्र छात्राओं को शिक्षा को ही जीवन का मूल मंत्र बनाना चाहिये आपने आव्हान किया की प्रत्येक मेरे पीथापुर वासीयों से कहता हु कि सभी अपने बच्चों को पढ़ाए आपने आगे कहा कि मैं भी इसी पीथापुर से ही अमेरिका पहुंचा हूं मेरी प्राथमिक शिक्षा भी यही ( दाहोद ) में हुई थी ओर आज मैं अमेरिका में फार्मास्युटिकल फर्म में चीफ एक्सिक्यूटिव आफिसर रह कर सेवा निवृत्त हुआं हूं। डॉक्टर युसुफ़ भाई (अली) पीथापुर वाला ने अपनी शिक्षा बाद समुचा जीवन अमेरिका को दिया। किन्तु भारत एवं अपने गांव से आज भी आत्मीय लगाव है आज़ भी पीथापुर की कोई समस्या हो तो सहयोग करते हैं।

जब आपको पता चला कि पीथापुर की प्राथमिक विद्यालय में छात्र छात्राओं के लिए कमरें कम पड़ते हैं तो आपने दो अलग अलग कमरे बनाने का निर्णय लिया एवं उसकी जवाबदारी शब्बिर भाई कुरबान हुसैन पीथापुर वाला को दी जिन्होंने कमरे बनाने में अपना मार्ग दर्शन दिया वैसे सिर्फ डॉक्टर युसुफ़ भाई (अली) पीथापुर वाला ही शिक्षा के यज्ञ शामिल नहीं हुए उनकी धर्म पत्नी श्रीमती जहरा बेन (अली) पीथापुर वाला भी उतनी ही सेवा भावीे हैं आपने भी अपने पति के पैतृक गांव पीथापुर मे स्कूल में कमरे बनवाने मे कंधे से कंधा मिलाकर योगदान दिया आपने भी अमेरिका में रह कर कमरे के उदघाटन के अवसर पर आधी रात को ( ज्ञात रहे भारत में दिन होता है तो उसी समय अमेरिका में रात होती है )
उस कार्यक्रम को संचार माध्यम से जुड़े रहे आपने भी श्रीमती जहरा बेन (अली) पीथापुर वाला आप भी अमेरिका में वहां की नामी स्कूल में टीचर रही है आपने अपने उद्बोधन में कहा कि आज़ शिक्षा की बहुत जरूरत है आपने बेटियों को पढ़ाने पर ज़ोर दिया आपने कहा कि पढ़ा लिखा बेटा तो एक कुल को गर्वित करता है मगर बेटीयां तो पढ़ लिखकर दो कुल का मान बढ़ाती हैं।

स्मरण रहे डॉक्टर युसुफ़ भाई (अली) पीथापुर वाला एवं जहरा बेन (अली) पीथापुर वाला दाऊदी बोहरा समाज से आते हे आपके धर्म गुरु भी शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर हमेशा योगदान देते हे एवं हमेशा बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करते हे उसी का परिणाम हे की आप भी शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने पैतृक गांव में शिक्षा का अलख जगाने के उद्देश्य से स्कूल को कमरे बना कर भेंट किए हैं।
आप आज़ भी अपने वतन की मिट्टी की सोंधी खुशबू को महसूस करते हुए अमेरिका में कमा कर देश के गांव पर ख़र्च कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति बिरलें ही होते हे जो अपने जीवन का एक तिहाई परदेश में बीता कर भी अपने वतन (भारत) को नहीं भुले। डॉक्टर युसुफ़ भाई एवं जहरा बेन (अली) पीथापुर वाला के इस पावन उद्देश्य एवं शिक्षा के यज्ञ में योगदान पर पीथापुर वासी आभार मानते हुए धन्यवाद देते हे वही जिला पंचायत प्रमुख शीतल बेन वाघेला एवं नगर पालिका दाहोद की पार्षद श्रृद्धा बेन भदंग ने भी पीथापुर वाला दंपति का आभार प्रकट किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading