रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
मेघनगर के नीरज के चर्चे आम नीरज कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं उनके हाथों में मानों तो जादू मन में करुणा दया और दिन दुखियों के प्रति अपनत्व के भाव इतने प्रगाढ़ है जिसके अनेक उदाहरण है।
किसी भी भटके विक्षप्त का सिर्फ कायाकल्प करके ही नहीं रुकते वे सतत उनके परिवार को भी खोजते हैं और अपना सारा कार्य सोशल नेटवर्किंग के बदौलत करते हैं, एक बड़ा मेसेज है कि आज के दौर में सोशल साइट्स के कैसे सदुपयोग करके कोई कितनी बड़ी सेवाओं को अंजाम दे सकता है जिसे सिद्ध कर रहे हैं मेघनगर के राजेन्द्र श्रीवास्तव (नीरज ) जब भी कोई किसी असहाय विक्षप्त या भटके की सूचना मिलती है वो तुरंत बताए स्थान पर पहुंचकर बड़ी शिद्दत और आत्मीयता से उनका सम्पूर्ण कायाकल्प करते हैं।
उनकी सेवा पाने वाला भी अपनी पूर्व की बातें करते है जैसा की सोमवार को हुआ।
इंदौर अहमदाबाद नेशनल हाईवे पिटोल चेक पोस्ट से पहले कुछ दूरी पर एक असहाय बुजुर्ग के सड़क किनारे पड़े रहने की सूचना मिलते ही श्रीवास्तव ने जाकर उनका कायाकल्प किया।
कायाकल्प करते ही बुजुर्ग व्यक्ति की याददाश्त वापस लौट आई वो बुजुर्ग व्यक्ति सागोर कुटी इंदौर के पास के रहने वाले है जो पूर्व में ड्राइवर थे किसी हादसे के बाद से यह भटक कर जीवन जी रहे थे, पत्नी माया व पिता रामसिंह व तीनों बच्चों को याद करते हुए बहुत तेज़ बिलख उठे उन्हें सब याद आने लगा जो किसी चमत्कार से कम नहीं।
नीरज श्रीवास्तव की सेवाओं में बड़ी सादगी रहती है वो जिसका भी कायाकल्प करते उसको वो अपना परिजन मान कर पूरी लगन के साथ सेवा करते हैं।
फिर एक दर-दर भटक कर बड़ी वेदनाओं के साथ जीवन गुजारने वाले का कायाकल्प कर घर वापसी कराने पर श्रीवास्तव को जिले सहित पूरे भारत से प्रशंसा के संदेश मैसेज सोशल मीडिया पर में मिल रहे है।
नीरज श्रीवास्तव की मानव सेवा को सलाम नमस्ते।
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