मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
पति की गुहार कि उसकी पत्नी मायके वालों के बहकाने पर घर तोड़ने पर आमादा है, पत्नी को बुलाकर दोनों की बात कराई गई और समझाइश दी गई फलस्वरूप दोनों इस बात पर सहमत हो गए की पति अपने संयुक्त परिवार से अलग किराये के मकान में अपनी गृहस्थी बसायेगा। इसके साथ ही एक अन्य मामले में जिसमें पति अन्य प्रांत में काम करने चला जाता था और पत्नी को अपने घर छोड़ दिया करता था तथा जब अपने साथ ले जाता था अन्य मजदूरों के साथ ही एक छत के नीचे ही पत्नी तथा बच्चीयों को रखता था, उसे परामर्श प्रदान कर अपने निवास स्थान पर ही कोई उचित
काम करने के लिए राजी किया गया जिस पर पत्नी भी सहमत हो गयी। साथ ही साथ एक और मामले में भी समझौता हुआ।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के.के. अवस्थी के मार्गदर्शन में अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा एवं रश्मि राय के द्वारा उक्त तीनों मामलों के अतिरिक्त चार अन्य मामलों में पर्याप्त प्रयास के बाद समझौते की संभावना प्रतीत होती न पाकर
पक्षकारों को न्यायालय की सलाह के साथ मामले नस्तिबद्धि कर दिये जबकि शेष पांच प्रकरणों में सद्भावपूर्वक जीवन निर्वाह करने के लिए परामर्श प्रदानकर्ता ने विचार विमर्श के लिए समय प्रदान किया।
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