नरेंद्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
2014-19 देवेन्द्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल के बीच जामनेर शहर में BOT प्रोजेक्ट के तहत बनाए गई इमारतों के घटिया निर्माण की पोल अब धीरे धीरे खुलने लगी है। इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा रही पंचायत समिति की इमारत के तीसरी मंजिल को बड़ी बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं, बाहर बनी सुरक्षा दीवार किसी भी समय गिर जाएगी। BOT एक ऐसा प्रोजेक्ट जिसमें सरकार का यह निहित स्वार्थ था कि सरकारी जमीनों पर ठेकेदार सरकारी दफ्तर बनाकर दें बदले में ठेकेदार को अन्य सरकारी जमीनों के टुकड़े दिए जाएं जिसपर वह शॉपिंग मॉल बनाए। मॉल के वितरण में सरकार + ठेकेदार + दुकानदार त्रिपक्षीय अनुबंध बने। ज्ञात हो कि त्रिपक्षीय अनुबंध अब तक नहीं बन सका है। BOT नियमों के अनुसार सब कुछ बिगाड़कर काफी कुछ बनाया गया है। गिरीश महाजन पर विपक्ष ने 200 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जबाव में महाजन की ओर से आज तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई, ठीक उस तरह जैसे हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष द्वारा गौतम अडानी को लेकर पूछे गए सवालों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन के अंदर और सदन के बाहर चुप रहे जो आज भी चुप हैं।
कहां गई जांच कमेटी की रिपोर्ट: 2020 में तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार ने BOT घोटाले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी कमेटी ने BOT निर्माण प्लान मे सैकड़ो खामियां पाई लेकिन कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नही हो सकी ! 2022 मे भाजपा द्वारा उद्धव ठाकरे की सरकार गिरा दी गई जिसके बाद से सब कुछ शांति शांति है BOT, BHR आखिर यह मामले क्या है यह सब लोग भूल चुके है।
आज भी पड़ा है मलबा – चक्रवाती तूफान के कारण उखड़े पेड़ शीघ्र प्रभाव से व्यापारियो को गिफ्ट करने के बाद भी कई जगहों पर पेड़ के मलबे पड़े है जिन्हें उठाया नही गया है! नगर परिषद के प्रशासक बाबू से जनता की ओर से यह मांग की जा रही है कि जल्द से जल्द इन मलबो को हटाया जाए।
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