सिंधी कपड़ा मार्केट की दुकान के संबंध में सिंधी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस दीदी से की भेंट | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

सिंधी कपड़ा मार्केट की दुकान के संबंध में सिंधी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस दीदी से की भेंट | New India Times

बुरहानपुर सिंधी समाज के प्रमुख जनप्रतिनिधियों सहित 60 से अधिक परिवारजनों ने अपनी तीन दशक से चली आ रही व्यवसायिक समस्याओं को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) से भेंट की। ज्ञात रहे कि विगत दशक में बुरहानपुर विधायक एवं तत्कालीन शिक्षा मंत्री रहते हुए श्रीमती चिटनिस ने गांधी चौक के इन दुकानदारों की समस्या के निदान हेतु मध्यप्रदेश शासन, शिक्षा विभाग की भूमि पर दुकाने बनाकर दिलवाने की पहल की थी। किन्तु तब इन दुकानदारों की आपसी सहमति न होने से यह कार्ययोजना लंबित होती चली गई। किन्तु अब गांधी चौक के पीड़ित सिंधी दुकानदारों द्वारा श्रीमती अर्चना चिटनिस की 2013 में मध्यप्रदेश शासन की कैबिनेट से स्वीकृत कराई गई योजना पर सर्वसम्मति दी गई फलस्वरूप श्रीमती चिटनिस ने 1992 एवं 2008 के पीड़ित गांधी चौक के दुकानदारों की कलेक्टर श्रीमती भव्या मित्तल से भेंट कराकर इन पीड़ित दुकानदारों को राहत दिलाने की कार्यवाही करने का आग्रह किया। जिस पर कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की कैबिनेट द्वारा पारित निर्णय सहित तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस के प्रस्ताव को मध्यप्रदेश शासन को भेजा जा रहा है। जिस पर प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन प्राप्त होते ही गांधी चौक के पीड़ित व्यवसायी बंधुओं को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही तत्काल की जाएगी। इस दौरान बलराज ना नावानी, मनोज फुलवानी, टेकचंद नावानी, गोपीचंद मंगतानी, मोहनदास दुम्बवानी, रतनलाल पंजवानी, अर्जुनदास जेसवानी, प्रकाश सचदेव, अनिल माखीजानी, सुदामामल नावानी, महेश सावलानी, राजकुमार सचदेव, शंकरलाल तुलसवानी, श्याम मोहनानी, गोरधन दुम्बवानी, किशोर कुमार एवं धीरज नावानी सहित अन्य व्यवसायी उपस्थित थे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading