मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर डॉक्टरों ने किया मरीजों का उपचार, डॉक्टरों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का लिया गया फैसला | New India Times

रहीम शेरानी हिंदुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:  

मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर डॉक्टरों ने किया मरीजों का उपचार, डॉक्टरों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का लिया गया फैसला | New India Times

केंद्र के समान डीएसीपी (समयबद्ध पदोन्नति) और प्रशानिक अधिकारियों का हस्तक्षेप कम करने की मांग को लेकर सोमवार से प्रदेश सहित झाबुआ के डॉक्टर भी आंदोलन पर हैं।

पहले दिन जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों ने हाथ पर काली पट्टी बांध कर मरीजों का उपचार किया और 3 मई से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। डॉक्टरों का कहना है कि इस बार बिना आदेश हड़ताल वापस नहीं होगी।
आंदोलन शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सा महासंघ के आह्वान पर किया जा रहा है। करीब दो माह पूर्व भी डॉक्टरों ने अपनी इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलन किया था। बाद में मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल वापस ले ली गई थी।
उस वक्त मांगों के निराकरण के लिए एक समिति का गठन किया गया था। उस समिति का भी कुछ नहीं हुआ। ऐसे में सभी डॉक्टरों ने सोमवार से काली पट्टी बांधकर काम शुरू कर दिया। मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. संदीप ठाकुर और महासचिव डॉ. संदीप चौपड़ा ने बताया कि यदि अब उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो बुधवार से सभी डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

यह है आंदोलन की मुख्य वजह

मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ के अनुसार 17 फरवरी 2023 को प्रदेश के सभी शासकीय और स्वशासी डॉक्टरों ने कई मुद्दें जैसे- प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी, डीएसीपी, डॉक्टरों की परेशानियों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। सीएम ने 1 महीने में मुद्दों का निराकरण करने का आश्वासन दिया था।
वहीं तत्काल एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया था। जिसे 1 महीने की समय सीमा का समय दिया गया था।
तीन बैठकों के बाद 31 मार्च को समिति की निर्णायक बैठक हुई। जिसमें सभी सदस्यों ने हस्ताक्षर करके मीटिंग के मिनिट्स शासन की ओर भेजें।
मुख्यमंत्री के निर्देश होने के बावजूद 31 तारीख की बैठक के निर्णय को लागू नहीं किए गए। इससे डॉक्टर अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। इसलिए अब आंदोलन का रास्ता अपनाया गया है।

आंदोलन के अगले चरण में ये होगा

3 मई: इस दिन सुबह 8 बजे से सभी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर जाएंगे। रुटीन कार्य जैसे ओपीडी, इन-डोर, वार्ड राउंड इत्यादि तथा सभी इमरजेंसी, एमएलसी, पोस्टमार्टम सेवाएं भी बाधित रहेगी।
शैक्षणिक कार्य, प्रशासनिक कार्य, काउंसलिंग आदि में कोई भी डॉक्टर भाग नहीं लेगा।


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By nit

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