रोग को जड़ से मिटा देती हैं होम्योपैथी औषधियां: डॉ भास्कर शर्मा. होम्योपैथिक दिवस पर आयोजित हुआ कार्यक्रम, देश के कई राज्यों के चिकित्सकों ने की शिरकत | New India Times

अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:

रोग को जड़ से मिटा देती हैं होम्योपैथी औषधियां: डॉ भास्कर शर्मा. होम्योपैथिक दिवस पर आयोजित हुआ कार्यक्रम, देश के कई राज्यों के चिकित्सकों ने की शिरकत | New India Times

होम्योपैथी के आविष्कारक डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन की जयंती को विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में समारोह पूर्वक शर्मा होम्योपैथिक चिकित्सालय एंड रिसर्च सेंटर इटवा सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश में मनाया गया। इस दौरान हनीमैन के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित सैकड़ों विश्व रिकॉर्ड प्राप्त व सैकड़ों पुस्तकों के लेखक सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के डॉक्टर भास्कर शर्मा ने कहा कि पूरा विश्व डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन का कृतज्ञ है क्योंकि डॉक्टर हनीमैंन एक ऐसी विधा का खोज किया है जो गंभीर से गंभीर बीमारी को बिना किसी दुष्प्रभाव के रोग को जड़ से समाप्त कर देती है। डॉक्टर भास्कर शर्मा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति शरीर की अपनी हीलिंग प्रक्रिया को जागृत करने के लिए प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करती है। जिसके सिद्धान्तों को जर्मन चिकित्सक डॉ. सैमुअल हैनीमैन ने 18वीं शताब्दी के अंत में विकसित किया था। यह ‘‘लाइक क्योर लाइक’’ के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि एक पदार्थ जो एक स्वस्थ व्यक्ति में लक्षण पैदा कर सकता है, वह एक बीमार व्यक्ति में समान लक्षणों को ठीक कर सकता है। डॉक्टर भास्कर शर्मा ने यह भी कहा कि वर्तमान में होम्योपैथी को 80 से अधिक देशों में प्रयोग किया जाता है। इसे 42 देशों में अलग औषध-प्रणाली के रूप में कानूनी मान्यता प्राप्त है और 28 देशों में पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में मान्यता दी गयी है। डॉक्टर शर्मा ने कहा कि भारत में 200,000 से अधिक पंजीकृत होम्योपैथिक डॉक्टर और 7,000 से अधिक होम्योपैथिक अस्पताल और औषधालय हैं।
इंडेक्स होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज मध्य प्रदेश के प्राचार्य डॉ सी एल यादव ने कहा कि यह “सम: समम् शमयति” या “समरूपता” दवा सिद्धांत पर आधारित एक चिकित्सीय प्रणाली है। यह दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किया जाता है। बिहार से आए होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर चंद्रशेखर वर्मा ने कहा होम्योपैथी, जो भारत में लगभग दो सौ साल पहले आरंभ की गयी थी, आज यह भारत की बहुलवादी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। डॉ महेंद्र शुक्ला मुंबई डॉ मनोज शर्मा मुगलसराय डॉ अमित इलाहाबाद आदि चिकित्सकों ने होम्योपैथी के वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में संतोष कुमार, महेश कुमार, संजय कुमार त्रिपाठी, बिलाल अहमद, मुकुंद चौरसिया, गणेश प्रजापति, सुरेश पंकज आदि लोग मौजूद रहे।


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