लोन जमा करने गए युवक को बैंक मैनेजर ने थमाया फर्जी बिल | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

लोन जमा करने गए युवक को बैंक मैनेजर ने थमाया फर्जी बिल | New India Times

बैंक मैनेजर से मिलकर रामकेवल पुत्र स्व0 राम नरेश द्वारा बड़ा खेल अंजाम देने का मामला सामने आया है। ग्राम समैसा खाम सोनगांव स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा रामपुर सकरवारी के संबंध में बैंक अधिकारी एलडीएम और अकबरपुर कोतवाली को अपनी शिकायती पत्र में बताया कि ब्रांच मैनेजर और भाजपा के तथाकथित नेता के द्वारा 2 लाख 90 हज़ार रुपए का खेल किया गया।

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बैंक मैनेजर द्वारा फर्जी रसीद देकर के.सी.सी का भुगतान कराया गया। जब उपभोक्ता बैंक ऑफ बड़ौदा में केसीसी भुगतान का नोड्यूज लेने गया तो सुबोध पुत्र राजेंद्र प्रसाद के पैरों तले जमीन खिसक गई, पता चला कि लोन भुगतान नहीं हुआ। बैंक की रसीद लेकर उपभोक्ता ने बैंक के मैनेजर पर गंभीर सवाल खड़े किए। उपभोक्ताओं के विश्वास के साथ बहुत बड़ा खेल किया गया साथ ही साथ बैंक की विश्वसनीयता कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया।

लोन जमा करने गए युवक को बैंक मैनेजर ने थमाया फर्जी बिल | New India Times

आपको बताते चलें कि राजेंद्र प्रसाद पुत्र स्व0 राम नरेश और रामकेवल पाल पुत्र स्व0 राम नरेश द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा से किसान ऋण लिया गया था। दोनों लोगों द्वारा एक समझौता किया गया की 2 लाख 90 हज़ार का लोन रामकेवल पाल पुत्र स्व0 राम नरेश द्वारा बैंक में चुकता कर दिया जाएगा तो अगले भाई के लड़के सुबोध कुमार पाल द्वारा 17 बिस्सा जमीन राम केवल को बैनामा कर दी जाएगी।

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रामकेवल पाल द्वारा बैंक मैनेजर से मिलकर एक फर्जी रसीद बनवाई गई जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड लोन का भुगतान हो चुका इसी विश्वास पर सुबोध कुमार द्वारा 17 बिस्सा जमीन राम केवल के नाम बैनामा कर दी गई, जिस पर अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने छानबीन की तो कटघरे में बैंक प्रबंधक भी आ गए। बैंक प्रबंधक ने अपनी नौकरी बचाने के लिए दोनों पक्षों से कोतवाली में लिखित समझौता करवाया गया। समझौते के बावजूद रामकेवल द्वारा पैसे के भुगतान न करने पर उपभोक्ता ने एलडीएम से शिकायत की दूसरी तरफ पुलिस द्वारा बैंक मैनेजर पर शिकंजा कस दिया गया।
इस संबंध में रामपुर सकरवारी बैंक प्रबंधक से बात करने की कोशिश की गई तो मीडिया के सामने आने से मना कर दिया गया और मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। क्षेत्र में बैंक मैनेजर और बैंक की विश्वसनीयता पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।


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