रहीम शेरानी हिन्दुस्यानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ आदिवासी बाहुल्य जिला है, झाबुआ जिले के लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है। यहां के आदिवासी अपने बच्चों को महानगरों जैसे इंदौर, भोपाल आदि जगहों पर भेज कर स्कूल कॉलेजों में नहीं पढ़ा सकते इसलिए झाबुआ जिले के ही स्कूल कॉलेज में पढ़ाने के लिए भेजते हैं और हॉस्टलों में रखते हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई अच्छे से हो सके परन्तु रानापुर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अपनी जान हथेली में लेकर पढ़ाई करने पर मजबूर है क्योंकि यहां कॉलेज से कुछ ही मीटर की दूरी पर क्रेशर मशीन चलती है !
क्रेशर मशीन मालिक गिट्टी के लालच में रोज खदान में ब्लास्टिंग का कार्य होता है जिससे कॉलेज की दीवारों में दरार आ रही है !
कभी भी कॉलेज की दीवार गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है कहीं बार जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवा चुके है परन्तु जिला प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए गिट्टी खदान के पास ही मॉडल स्कूल और उत्कृष्ट स्कूल का हॉस्टल भी स्थित है
जहा सैकड़ों छात्र रह कर अध्यन करते है हॉस्टल में रहने वाले छात्र रात को ब्लस्टिंग के कारण दहसक में रह कर अपनी पढ़ाई कर रहै है रोज के धमाके और रोज धूल मिट्टी के बीच में रहने को मजबूत है कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है ये सब जिला प्रशासन को सब पता है परन्तु गरीब आदिवासीयो के बच्चे हैं इसलिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा !
एनएसयूआई ने ज्ञापन देकर राज्यपाल महोदय से निवेदन करते हुए गिट्टी खदान को तत्काल बन्द किया जाए और छात्रों के साथ हो रहे अन्याय को बन्द किया जाए एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष विनय कुमार भाबोर ने कहा के
झाबुआ जिले के कॉलेजों की हालत खराब है कॉलेज में अध्यन करने वाले छात्र छात्राओं को आवास घर की राशि नहीं मिल रही है
नहीं छात्रवृति मिल रही है गरीब बचे केसे किराए के मकान में रह कर अध्यन करे वही आई टी आई कॉलेज में ना हॉस्टल की व्यवस्था है नहीं आवास घर की राशि मिलती है नहीं बच्चो को खेल सामग्री दी जाती है नहीं छात्रों को पेकटिकल का सामान दिया जाता है कॉलेज में नहीं कोई मशीन चालु है जिससे इलेक्ट्रिकल विभाग के छात्र कोई पेकटिश कर सके मोदी जी स्किल इंडिया के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर रहे पर झाबुआ के आई टी आई कॉलेज में किसी को नोकरी या खुद का धंधा करने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं हो रहे है
झाबुआ पीजी हॉस्टल में ना सोने के लिए बिस्तर है ना ही पलंग है कॉलेज में साफ पानी पीने के लिए ना ही मशीन है झाबुआ जिले की हालत बत से बतर है माननीय राज्यपाल महोदय से निवेदन है कि झाबुआ जिले के कॉलेज हॉस्टलों की उच्स्तरीय जांच कर सभी समस्याओं को हल किया जाए वहीं पिटोल कुंदनपुर से रानापुर रोड एक पट्टी है जिससे आए दिन एक्सिडेंट होते रहते है गर्मियों में आदिवासी समाज अधिकतर शादियां करते है तब बारात जाते समय एक पट्टी रोड के कारण गरीब आदिवासियों का अधिकतर एक्सिडेंट होता है सरकार से कहीं बार आश्वासन मिला पर अभी तक रोड नहीं बना है माननीय राज्यपाल महोदय से निवेदन है कि जल्द पिटोल कुंदनपुर से रानापुर रोड को 2 लेन बनाया जाए जिससे एक्सिडेंट में कमी आए वहीं झाबुआ में एलएलबी कॉलेज बनने के लिए सरकारी जमीन आलाट कर दी गई है वहीं बजट भी जिला प्रशासन को से दिया गया है परन्तु अभी तक एल एल बी कॉलेज का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है
जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जाए वही आदर्श कॉलेज में खुद मुख्यमंत्री चोहान ने झाबुआ आ कर घोषणा कि थी कि आदर्श महाविद्यालय झाबुआ में मास्टर डिग्री के सभी विषय प्रारम्भ किए जाते है परन्तु अभी तक सरकार ने एक भी विषय प्रारम्भ नहीं किए बस घोषणाओं में ही विषय रह गए माननीय राज्यपाल महोदय झाबुआ जिला आदिवासी जिला है झाबुआ का एक मात्र अग्रिम कॉलेज शहीद चन्द्र शेखर आजाद महाविद्यालय है यहां पर हजारों छात्र छात्राएं अध्यन करती है परन्तु छात्र छात्राओं के लिए रहने के लिए होस्टल में व्यवस्था सिर्फ 70 सीटर है आज हॉस्टलों में 500 सीटर की छात्र छात्राओं को आवश्कता है तब जा कर हॉस्टल में रह कर बचे पड़ा ई कर सकते है कॉलेज हॉस्टलों को 500,0 सीटर की व्यवस्था की जाए झाबुआ जिला आदिवासी जिला है यहां के आदिवासियों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं की आदिवासी अपने बच्चो को इंदौर पड़ा सके एग्जाम दिला सके कभी मध्य प्रदेश में बडी एग्जाम आती है तो सेंटर झाबुआ जिले को छोड़ मध्य प्रदेश के कोई से भी जिले को बना दिया जाता है जिससे झाबुआ के छात्रों को बाहर एग्जाम देने जाना पड़ता है अब जिसके पास पैसे रहते है वो तो गाड़ी कर के एग्जाम सेंटर समय से पहुंच जाता है परन्तु जिनके पास पैसे नहीं रहते है वो छात्र परीक्षा से वंचित रह जाते है अभी कुछ साल पहले इंदौर एग्जाम देने जाते वक़्त extent me छात्रा की जान चले गई थी इसलिए माननीय राज्यपाल जी से निवेदन है कि झाबुआ में परीक्षा सेंटर बनाया जाए अब झाबुआ में भी पर्याप्त भवन है जहा ऑनलाइन सेंटर बना सके एनएसयूआई झाबुआ। अब
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