संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग द्वारा नवरात्री के पावन पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर की मुख्य इंचार्ज ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी, ब्रह्माकुमार डॉ. गुरुचरण भाई, ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित थे साथ ही व्यापारिक क्षेत्र से राजकुमार गंगवानी, संतोष वाधवानी, गिरधारी लाल, अशोक कुमार, सुरेश खत्री सहित अनेकानेक लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमार डॉ. गुरुचरण भाई जी ने सभी को नवरात्री का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट किया तत्पश्चात जीवन के आवश्यक बातों को बताते हुए कहा कि आज जिस भी क्षेत्र की हम बात करें सबमे ट्रेनिंग मानो एक अहम हिस्सा बन गया है. तो उसी तरह से जीवन को जीने की भी ट्रेनिंग होती है उसे कहते है आर्ट ऑफ़ लिविंग अर्थात किस रीति से हम अपने जीवन को अच्छे से अच्छा बना कर जिएं यह भी एक कला है.
अगर महाभारत की बात करें तो कहते हैं ईश्वर ने सभी पांडवों को युद्ध के मैदान में ट्रैनिंग दी कि किस प्रकार युद्ध को लड़ना है और उस ज्ञान की वजह से ही पांडवों को जीत भी हासिल हुई उसी प्रकार आज स्वयं पिता परमात्मा भी हम सबको एक महत्वपूर्ण ट्रैनिंग दे रहे हैं और वह है “आर्ट ऑफ़ लीविंग” अर्थात छोड़ना. परमात्मा हम सभी को शिक्षा दे रहे हैं कि जो भी पुराने स्वाभाव संस्कार हैं, पुरानी बातें हैं जिन्हें हम सभी ने आज तक पकड़कर रखा है उन्हें छोड़ना है. वर्तमान समय में बीमारी चिंता आदि बढ़ने का मुख्य कारण है की हमारे मन ने अभी तक उन बातों को, संस्कारों को पकड़ कर रखा है इसीलिए हमारे तन को भी आदत हो गयी है बीमारियों को पकड़ कर रखने की परन्तु अगर अपने मन को और तन को स्वस्थ बनाना चाहते हैं तो “आर्ट ऑफ़ लिविंग” के साथ साथ “आर्ट ऑफ़ लीविंग” पर भी काम करना अनिवार्य है तब आपका जीवन स्वतः ही श्रेष्ठ और खुशहाल बन जायेगा.

ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी ने सभी को नवरात्री के पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं और बताया कि वर्तमान समय की बात की जाए तो व्यक्ति अपने कारोबार में इतना व्यस्त हो गया है की स्वयं के लिए ही समय निकालना बहुत मुश्किल लगता है. आज कारोबार में एक बात जो बहुत सुनने में आती है कि व्यापार करते – करते लोग एक दूसरे को धोखा दे देते हैं, क्योंकि लोगों की सोच ऐसी हो गयी है कि मैं सामने वाले से ज़्यादा धनवान कैसे बनूँ और उसके लिए गलत तरीके से धन कमाने लग जाते हैं, यही फिर व्यक्ति के जीवन में अशांति एवं दुख का कारण बनता है। इसलिए सभी को आज अच्छा जीवन जीने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है. सबसे पहले अपने जीवन में राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास रोज़ाना करें तो आप देखेंगे हर एक समस्या का समाधान आपको ज़रूर मिल जायेगा और यह आपको जीवन में सही रास्ते पर चलने की भी शिक्षा देगा. मेडिटेशन का अभ्यास करने से आपका वर्तमान तो अच्छा बनेगा ही साथ ही भविष्य भी सुधर जायेगा.
दूसरी बात जो हम सभी को आज से अपने जीवन में पक्का करने की आवश्यकता है वो है की सबके प्रति प्यार और स्नेह की भावना रखनी है किसी के भी प्रति बदले की भावना, इर्ष्या भाव नहीं रखना है क्योंकि आपके विचार सबके लिए सकारात्मक हो जायेंगे तो आपका जीवन स्वतः ही संपन्न बन जायेगाजायेगा.
कार्यक्रम का कुशल संचालन तथा आभार ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई के द्वारा किया गया.
कार्यक्रम में बी.के. पवन, सुरभि, बिजेंद्र एवं व्यापार से जुड़े अनेक भाई एवं बहनें उपस्थित रहे.