मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
गत दिवस नगर पालिक निगम बुरहानपुर में लोकायुक्त की टीम द्वारा छापा मारकर रिश्वत लेने के आरोप में नगर पालिक निगम बुरहानपुर के एक कार्यपालन यंत्री और उनके एक चपरासी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने का मामला सामने आया था। लोकायुक्त की टीम ने जिस दिन छापा मारा, उस दिन निगम के अधिकतर बड़े अधिकारी और कर्मचारी निगम परिसर में मौजूद नहीं थे या गायब थे। जिससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उन्हें एक प्रायोजित साजिश के तहत इस कांड में फंसाया गया है। वहीं जन चर्चा है कि नगर निगम के कार्यपालन अधिकारी जिन्हें लोकायुक्त टीम ने गिरफ्तार किया था वह दो आयुक्त की लड़ाई में पिस गए हैं। यह भी जनचर्चा है कि रतलाम के शिकायतकर्ता वर्तमान निगमायुक्त का करीबी रिश्तेदार, निकट संबंधी बताया जा रहा है और उन्हीं के कहने पर उक्त रिश्तेदार ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जानकारी के मुताबिक पूर्व निगम आयुक्त ने इस पार्टी के बिल को पेंडिंग रखा था। जानकारी के मुताबिक यह भी बताया गया है कि लोकायुक्त की टीम ने जब रंगे हाथों आरोपित ई ई को गिरफ्तार किया था तो हाथ धुलाते समय कार्यपालन यंत्री का हाथ रंगीन नहीं होने की जानकारी इस प्रतिनिधि को प्राप्त हुई है, जबकि चपरासी का हाथ रंगीन होना पाया गया था। इसमें कोई शक नहीं कि नगर निगम के अधिकारी आरोपित कार्यपालन अधिकारी अपनी बेबाकी और बेखौफी के साथ अपनी कार्यशैली के लिए ना केवल प्रसिद्ध हैं, बल्कि छोटे कर्मचारियों को गाली गलौज से बात करने के लिए भी प्रसिद्ध है और यही वजह है कि उनके गिरफ्तार होने से जहां पीड़ित लोगों में से कुछ ने जश्न भी मनाया। सूचना है कि आरोपित कार्यपालन यंत्री ने निगम में अपनी जाइनिंग दी है। आरोपित कार्यपालन यंत्री ने किस कानून के तहत अपनी जॉइनिंग दी है। निगम के मुखिया ने उनकी जॉइनिंग कैसे और किस नियमों के तहत स्वीकार की है। यह कानून से जुड़े हुए मुद्दे हैं जिन पर निगम के मुखिया को निर्णय लेना है लेकिन आरोपित कार्यपालन यंत्री की जॉइनिंग के मामले को लेकर एक हिंदू संगठन ने ज्ञापन देकर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया है। दो पाटों और हिंदू संगठन के आरोपों के बीच आरोपित कार्यपालन यंत्री अपना बचाव किस तरह करते हैं यह आने वाला समय बताएगा।
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