चूरु में मण्डेलिया परिवार का कांग्रेस राजनीति में दबदबा अब होने लगा है कमजोर | New India Times

अशफाक कायमखानी, चूरू/सीकर (राजस्थान), NIT:

चूरु में मण्डेलिया परिवार का कांग्रेस राजनीति में दबदबा अब होने लगा है कमजोर | New India Times

धनबल की ताकत पर चूरु जिले के रतनगढ़ कस्बे से तालूक रखने वाले वर्तमान में मुम्बई मे कारोबार कर रहे धनपति का रुतबा हासिल कर चुके मण्डेलिया परिवार ने चूरु विधानसभा सीट पर एक अर्से से कांग्रेस राजनीति पर अपना दबदबा कायम कर रखा था। वो दबदबा अब आगामी चुनावों में कमजोर होता नजर आयेगा। कुछ दिनों बाद चुनाव नजदीक आते देख उनके परिवार की डिजायर के अलावा अन्य नेताओं की डिजायर को भी अहमियत मिलती नजर आयेगी।
हालांकि मण्डेलिया परिवार के मकबूल मण्डेलिया एक दफा विधायक बनने में कामयाब रहे। उसके बाद उनके व उनके पुत्र के लगातार हारते रहने के बावजूद विधानसभा की टिकट उनके परिवार को ही मिलती आ रही है। लोकसभा की टिकट भी यह परिवार हारने के बावजूद पाने मे कामयाब रहा है लेकिन अब हालात बदले बदले नजर आने लगे हैं।

चूरु में मण्डेलिया परिवार का कांग्रेस राजनीति में दबदबा अब होने लगा है कमजोर | New India Times

चूरु विधानसभा से अक्सर टिकट की दावेदारी करने वाली केरल मूल की रेहाना रियाज को जब महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। उसके बाद वो टिकट तो नही पा सकीं लेकिन अब उन्हें महिला आयोग की चैयरमैन बनाकर उन्हें नवाजे जाने से उनके दबदबे को ताकत मिलेगी। रेहाना भी 2023 के विधानसभा चुनाव में चूरु सीट से प्रमुख दावेदार के तौर पर उभरेंगी। इसी तरह चूरु जिले के बूधवाली गांव निवासी डा. खानू खान वक्फ बोर्ड के चैयरमैन बन चुके हैं, उनकी नजर भी चूरु विधानसभा पर टिकी हुई बताते हैं। रेहाना को दिल्ली में कांग्रेस में मोजूद केरल लाॅबी व खानू खान को मुख्यमंत्री गहलोत का करीबी माना जाता है।
कुल मिलाकर यह है कि चूरु विधानसभा की कांग्रेस राजनीति में एक अर्से से मण्डेलिया परिवार का दबदबा अब धीरे धीरे कमजोर होता नजर आयेगा। उनके अनेक समर्थक खानू खान व रेहाना रियाज का स्वागत करते नजर आये। चूरु को लेकर सरकार में अब इन दोनो नेताओं का भी दखल नजर आयेगा।


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