जमशेद आलम, भोपाल (मप्र), NIT:
बाग फरहत अफजा ऐशबाग वार्ड नंबर 41 जोन 11 में नगर निगम भोपाल की पक्षपात की हालत सभी देख सकते हैं, यहां पर एक बड़ी जामा मस्जिद जो पुरानी ईदगाह कहलाती थी वहां की गलियों की हालत इतनी खराब है कि नमाजियों का निकलना मुश्किल है और नालियों और चेंबरों की हालत बद से बदतर नजर आ रही है. भोपाल नगर निगम जहां भोपाल के 19 जोन के 85 वार्ड में दो हजार करोड़ रूपया सालाना खर्च करती है वहीं पुराने भोपाल के क्षेत्र में पक्षपात साफ नजर आ रहा है. क्षेत्र में नगर निगम के द्वारा किसी भी तरह के विकास के कार्य कहीं नजर नहीं आती, नालियों पर चेंबर तक नहीं है, नालियों की बाउंड्री तक नहीं है, अंदरूनी हिस्से में सड़के ही नहीं है, हालात बद से बदतर साफ नजर आ रहे हैं. दरअसल भोपाल को दो हिस्सों में बांट दिया है नया भोपाल और पुराना भोपाल, यहां पर मुस्लिम आबादी अधिक होने की वजह से स्मार्ट सिटी के कोई भी काम नहीं होते, यह आरोप स्थानीय नागरिकों के द्वारा लगाया जाता रहा है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुछ तो में सफाई हो जाती है लेकिन इंजीनियर जीपी राय जोन 11 मैं कहीं नजर नहीं आते और ना ही यह नाली और सड़क की हालत का जायजा लेते हैं.
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