इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:
आपने जन्मदिन मनाते बहुत से लोगों का देखा होगा लेकिन ऐसा जन्मदिन जिसमें सैकड़ों गरीब परिवारों को ठण्ड से बचने गर्म कंबल और खाने के लिए राशन उपलब्ध हो जाये तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। जी हाँ ऐसा ही जन्मदिन मनाया गया मध्यप्रदेश की प्रमुख समाजिक संस्था आधारशिला संस्थान के डायरेक्टर समाज सेवी डॉ अजय लाल का जन्मदिन कुछ इस अंदाज़ में मनाया गया। उनके प्रशंसकों मित्रों ने मिलकर सबसे पहले व्रद्धाश्रम का रुख किया जहाँ मौजूद बुजुर्गों के बीच उनकी मौजूदगी में डॉ अजय लाल और उनके मित्रों ने केक काटकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया जहाँ खेल परिवार द्वारा आयोजित जन्मदिन कार्यक्रम के तहत गरीबों को ठण्ड से बचने के लिए गर्म कंबल बाँटे इसके अलावा डॉ अजय लाल के मित्र पप्पू नायक और स्थानीय सिविल 7 के पार्षद मिक्की चन्देल द्वारा 150 परिवारों को कम्बल और राशन वितरित किये जन्मदिन पर ये गिफ़्ट पाकर गरीबों के चेहरे खिल उठे।
इसीलिए डॉ अजय लाल अपनी कलाम से लिखते है कि
किसी के दर्द का एहसास हो तो ज़िंदगी है।
किसी की भूख का आभास हो तो ज़िंदगी है।।
किसी बे ज़ुबा की तूँ आवाज़ है तो ज़िंदगी है।
किसी के आंसुओं से तेरी आह है तो ज़िंदगी है।
ये बात उन्होंने अपने जन्मदिन के कार्यक्रम में कहीं वे यहीं नहीं रुके उन्होंने अपने क्षेत्र के बुजुर्गों के बीच पहुँचकर कहा कि जब उम्र बढ़ती है तो इस बात का एहसास होता है कि अपना जीवन क्षणिक है और थोड़े समय का है इसलिए आगे बढ़कर दूसरों की मदद करने के लिए जीवन जीना चाहिए मैं हर दिन प्रश्न करता हूँ कि ईश्वर ने हमें ज़िंदगी दी तो हमारी ज़िंदगी कैसे सार्थक हुई क्या हमारी ज़िंदगी से किसी को कोई लाभ हुआ किसी की चिकित्सा करा सके ,किसी का दर्द बाँट सके किसी के दुख दर्द में सहभागी हो सके और अगर हमने ये नही किया तो हमारा मनुष्य होने का कोई अर्थ नहीं । ये वक्तव्य डॉ अजय लाल ने दिए सभी के बीच।
आपको बता दें डॉ अजय लाल वो शख्सियत है जिन्होंने अब तक अपने मिशन अस्पताल से 5000 हजार ऐसे गरीब बच्चों के निःशुल्क जटिल ऑपरेशन करा दिए जिनके बचपन से ही कटे होंठ फटे तालु हुआ करते थे ।लेकिन आज इस महान समाज सेवी की कोशिशों से अब वो सुन्दर और स्वास्थ्य है जिन लड़कियों की शादियां रुकी थी उनके विवाह के रिश्ते आये और उनके भी पीले हाथ हुए इस तरह की समाज सेवा के लिए जाने जाते है डॉ अजय लाल और उनका परिवार जब ऐसे शख़्स का जन्मदिन हो तो भला गरीबों का भला क्यों ना हो।
इसीलिए जन्मदिन हो तो ऐसा हो जिससे गरीबों को भी खुशियाँ मिले।
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