मुबारक अली, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर (यूपी), NIT:
ख़ानक़ाह ए शम्सिया हातिमिया के गद्दी नशीं जनाब अल्लामा व मौलाना वक़ारुल हक़ साहब से शेख़ मौलाना शाही ने खुसूसी मुलाक़ात की.
शनिवार को अल मुश्किल कुशा नेशनल सोसायटी की टीम ने
ईमान ए बेदारी मुहिम मीटिंग-आल इंडिया मिशन के तहत तिलहर में मीटिंग की, जिसमें हाल ही में त्रिपुरा राज्य से लेकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर मस्जिदों पर हमलों की निंदा की गई. मीटिंग में कहा गया कि इस कायराना दरिंदगाना हरकत पर फिक्रमंदी ग़ौरतलब है, आज जो देश का हाल है बाकई अति की सारी हदें पार हो गई हैं। जिस तरह से मज़हबी नारे लगाकर मुस्लिम क़ौम पर ज़ुल्म किया जा रहा है वह काबिले मजम्मत है। त्रिपुरा राज्य में तो उपद्रवियों के साथ पुलिस भी मिलकर नारे लगाते देखें गये हैं। हमारे मुल्क में ये कैसा तमाशा चल रहा है। जब प्रशासन ही आतंकियों के साथ हो जाएगी तो फिर इंसाफ़ किससे मांगा जाएगा। त्रिपुरा के मुसलमानों पर अत्याचार- ज़ुल्म करते हुए उनके घरों को आग लगाई गई, मस्जिदों को जलाकर शहीद किया गया। उनके दुःख में शामिल होने गये तन्ज़ीम के सदर अयम्मा हज़रत क़मर ग़नी उस्मानी साहब मिलने गये तो उनको रास्ते में पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया और झूठ बोला कि मेरे साथ चलो तुमको सिक्योरिटी देंगे और थाने लेजाकर दंगा फसाद के इल्ज़ाम में मुकदमा दर्ज कर दिया। ये है हक़ीक़त हमारे देश के सरकार की। यहां तक कि हिन्दू संगठन लीडर बजाए साम्प्रदायिकता को रोकने के और हिन्दू धर्म के मासूम बच्चों नौजवान को उकसाने व आग लगाने का काम कर रहे हैं। बच्चों के ज़ेहन में मानसिक रूप से इस तरह से भर रहे हैं कि मुस्लिम क़ौम जिहादी है और हिन्दू धर्म को काफिर कहते हैं और ये हिन्दूओं को क़त्ल कर देंगे। बाकायदा उनको ट्रेनिंग दी जाती है कि इनकी इज़्ज़त ईमान पर अटेक करो। इसी वजह से मुल्क के हर सिम्त मुसलमानों पर बेरहमी से अत्याचार किया जा रहा है। अब बीमारी का इलाज मुसलमानों को अपने ईमान को ताज़ा करके ही किया जा सकता है। मीटिंग में मौलाना वक़ारुल हक़, क़ारी हाफ़िज़ क़ासिम रज़ा, इमाम हाफ़िज़ शकील, हाफ़िज़ अज़ीम, सेक्रेटरी क़दीर खान व तमाम मेम्बर्स मौजूद रहे।
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