वैज्ञानिकों द्वारा 23 वर्षों के अथक प्रयास के बाद भिंडी की काशी लालिमा प्रजाति (VROR-157) हुई विकसित | New India Times

संदीप शुक्ला, वाराणसी/भोपाल, NIT:

वैज्ञानिकों द्वारा 23 वर्षों के अथक प्रयास के बाद भिंडी की काशी लालिमा प्रजाति (VROR-157) हुई विकसित | New India Times

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के वैज्ञानिकों द्वारा 23 वर्षो के अथक प्रयास के बाद भिंडी की काशी लालिमा प्रजाति (VROR-157) विकसित की गई है. यह भिंडी लाल रंग की और पोषण से भरपूर होती है जिसमें एंटी ऑक्सीडेंट तथा आयरन एवं कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाया जाती है तथा यह प्रजाति मोजेक रोग रोधी होती है साथ ही 11 से 14 सेंटीमीटर लंबी और मोटाई में 1.5-1.6 सेमी. तथा खाने में काफी मुलायम होती है।अपने अट्रैक्टीव रंग और भरपूर पोषण के कारण इसका बाजार मूल्य भी समान्य भिंडी की तुलना मे बहुत अधिक होता है.

वैज्ञानिकों द्वारा 23 वर्षों के अथक प्रयास के बाद भिंडी की काशी लालिमा प्रजाति (VROR-157) हुई विकसित | New India Times

कृषि विज्ञान केंद्र गोपाल ग्राम गोंडा द्वारा इस प्रजाति का बीज मंगाकर इस वर्ष बीज उत्पादन का कार्य किया जा रहा है जिससे किसानों को यह बीज उपलब्ध कराया जा सके.


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