विवेक जैन, बागपत (यूपी), NIT:
इंसानियत से बढ़कर कुछ भी नहीं है, इस बात को बागपत के सबसे प्रसिद्ध गुरूद्वारे में देखा जा सकता है। बागपत-मेरठ रोड़ पर मीतली गांव में स्थित इस प्रसिद्ध गुरूद्वारे को जनपद बागपत में साम्प्रदायिक सौहार्द की अनुपम मिसाल माना जाता है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि हर धर्म के लोग इस गुरूद्वारे में आकर एक ही स्थान पर अपने आराध्यों को नमन करते हैं।
गुरूद्वारे के मुख्य सेवादार प्रदीप जी ने बताया कि वह दिल्ली के निवासी है और 1995 से इस गुरूद्वारे से जुड़े हुए हैं। कहा कि गुरूद्वारे का अर्थ होता है गुरू का द्वार। लोगों को जीवन का रास्ता तय करने के लिये एक गुरू की आवश्यकता होती है। बिना गुरू के आप सही मार्ग से भटक जाते है। सिर्फ गुरू ही आपको सही रास्ता दिखा सकता है। यहां पर आकर लोगों को गुरू का साथ मिलता है। कहा कि इस स्थान को कुदरत का घर मानते है। जहां पर कोई भी बेहिचक आ-जा सकता है। प्रदीप जी 2013 से इस गुरूद्वारे की गद्दी का भार संभाले हुए है। बताया कि इस गुरूद्वारे की देखरेख श्री ज्ञान शाह कादरी सेवा ट्रस्ट मीतली द्वारा की जाती है। हर गुरूवार को यहां पर भंडारा लगता है और हर महीने की एकादशी को बड़ा भंडारा लगता है। जिसमें दिल्ली एनसीआर सहित विभिन्न राज्यों के लोग शामिल होते है। मीतली गांव के रहने वाले एक सेवादार अनिल ने बताया कि वह लगभग पिछले दस वर्षो से इस गुरूद्वारे में सेवा कर रहे है। उन्होंने इस गुरूद्वारे के अलावा आज तक ऐसा स्थान नही देखा, जहां पर सभी धर्मों के लोग एक ही स्थान पर पूजा करते हैं।
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