लियाकत शाह, भुसावल/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
सरकारी सेवा में नौकरी, आरक्षित पद, पदोन्नति, स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश, छात्रावासों में प्रवेश, स्थानीय स्वशासी निकाय चुनाव लड़ने के लिए जाति वैधता प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन जाति वैधता समितियों से ऐसे प्रमाण पत्र समय पर प्राप्त नहीं होते हैं. इसके लिए हमें डेढ़ साल इंतजार करना होगा. सरकारी सेवा के लिए चयनित विद्यार्थियों, अभिभावकों, अभ्यर्थियों को जाति वैधता समिति के कार्यालय रोज चक्कर काटना होता है. जब तक वैधता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता, तब तक सबकी जिंदगी अंधेरे लटकी हुई होती है. अनुसूचित जाती, विशेष मागास प्रवर्ग, इतर मागास प्रवर्ग व भटक्या विमुक्त जाती-जमाती जैसे सरकारी नौकरी, लोक सेवा के अधिकार अधिनियम के अनुसार चुनाव लड़ना के लिए श्रेणी के आवेदक को जाति वैधता प्रमाणपत्र अनिवार्य होता है. अभी अनलॉक के बाद अब स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश के समय तीन महीने के भीतर प्रमाण पत्र जारी करना अनिवार्य है. लेकिन हाल ही में जलगांव स्थित जाति वैधता कार्यालय में यदि समय पर वैधता प्रमाण पत्र तैयार नहीं किया जाता है, तो इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार नहीं होगे. ऐसा हामी पत्र आवेदक या माता-पिता द्वारा लिखा जा रहा है. वैधता कार्यालय की इस पहल पर भुसावल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के ओबीसी गठबंधन के शहर अध्यक्ष नीलेश कोलते नेक्षहाल ही में कलेक्टर अभिजीत राउत को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें इन अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
पिछला पूरा समय कोरोना के लॉकडॉन कर्फ्यू में बीता, जिसमें छात्रों को स्वतंत्र रूप से संवाद करने की अनुमति नहीं थी और स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए थे. लेकिन अब चुकी इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मेडिकल और अन्य पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी इसलिए संबंधित यूनिवर्सिटी और विद्यालय में जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होता है लेकिन अधिकारियों द्वारा लिखित आश्वासन के कारणअभिभाव अभिभावक और छात्र अब परेशान और कुछ तो सदमे में चले गए है के अब बच्चो के भविष का क्या होगा.
एनसीपी ओबीसी गठबंधन के शहर अध्यक्ष नीलेश कोलते ने कहा कि वह छात्रों, अभिभावकों और अन्य सामान्य आवेदकों की चिंताओं को कम करने के लिए जल्द ही सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे से मिलेंगे और जिले के छात्रों की वैधता प्रमाण पत्र की समस्या से अवगत कराएंगे.
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.