साबिर खान, गुरुग्राम (हरियाणा), NIT:
पुलिस अफसरों की लाल फीताशाही को चुनौती देने के लिए अब भीमसेना खुलकर मैदान में आ गई है। तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल की अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबिता के खिलाफ एससी/ एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज ना करने को लेकर भीमसेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर ने पुलिस अफसरों को जिला सेशन न्यायालय में चुनौती दी है। पुलिस कमिश्नर के. के. राव, डीसीपी मानेसर वरुण सिंगला, एसीपी मानेसर हितेश यादव और सेक्टर 37 थाना एसएचओ शेलेंद्र के खिलाफ अनुसूचित जाति/ जनजाति अधिनियम की धारा 4 की उपधारा 3 के तहत याचिका दाखिल की गई है। जिसमें जिला सेशन जज इन अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दे सकते हैं जिसमें इन पुलिस अफसरों की नौकरी भी जा सकती है। न्यायालय ने मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए नवाब सतपाल तंवर की याचिका को स्वीकार कर लिया है जिसपर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल की अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबिता ने अनुसूचित जाति को जातिसूचक गाली देकर अपमानित किया था। जिसपर भिमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर ने 10 मई को सेक्टर 37 थाने में शिकायत देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। शिकायत सेक्टर 37 थाने के एसएचओ सहित डीसीपी मानेसर और पुलिस कमिश्नर को ईमेल के माध्यम से भेजी गई थी। तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। नवाब सतपाल तंवर ने इसे एससी एसटी एक्ट के सेक्शन 18ए का उल्लंघन बताया है और पुलिस अफसरों के खिलाफ जिला अदालत में याचिका दायर कर दी है। एससी एसटी एक्ट की धारा 4 की उपधारा 3 लोक सेवक द्वारा उपधारा 2 में उपबंधित कर्तव्यों का पालन ना करने पर विशेष न्यायालय को लोक सेवक के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार देता है। मिली जानकारी के अनुसार भीम सेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर के इस कदम से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और अफसरों ने कानून के डंडे से बचने के लिए बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया है।