जिम्मेदारी और फर्ज के आगे कुर्बानियां देनी पड़ती हैं... | New India Times

गणेश मौर्या, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

जिम्मेदारी और फर्ज के आगे कुर्बानियां देनी पड़ती हैं... | New India Times

जब लोग होली का जश्न मना रहे थे तब अंबेडकर नगर पुलिस के जवान हमारी सुरक्षा के लिए सड़कों पर थे ताकि कोई हादसा न हो और खुशियों के साथ रंगों का त्योहार होली मनाई जा सके. लेकिन कर्तव्य और रिश्तों के बीच कश्मकश में ये नौजवान कर्तव्य को अहमियत देते हैं.

आंख में दर्द भी झलकता है
पुलिस के कई सीनियर अधिकारियों से हमारी बात हुई वह कहते हैं कि होली ही क्या लगभग सभी त्योहारों पर पुलिस के जवान ड्यूटी पर रहते हैं, जिसकी वजह से उनको परिवार से दूर रहना पड़ता है. त्योहारों पर बच्चे ज़रूर परेशान रहते हैं क्योंकि उनकी उमीदें मुखिया से जुड़ी रहती हैं कि परिवार का मुखिया उनके साथ खुशिओं में शरीक रहे लेकिन ज़िम्मेदारियों ने हम लोगों को बांध रखा है. परिवार वालों से मिलने का बहुत मुश्किल से मौक़ा मिल पता है. कर्तव्य के आगे परिवार की ख्वाहिशें कुर्बान करना ही असल तौर पर ड्यूटी है. हमारे सुरक्षाकर्मी अपने कर्तव्य के तहत ही दिन-रात सड़कों पर होते हैं, ताकि अवाम त्योहार खुशियों के साथ मना सके. बच्चों की ख्वाहिश रहती है कि पापा उनके साथ त्योहार मनाए लेकिन बच्चियों की ख्वाहिशें कभी-कभार ही पूरी होती हैं. क्योंकि हर बार उनका इंतज़ार उम्मीद की आस में रह जाता है और उनके पापा ड्यूटी निभाते रह जाते हैं.
ड्यूटी का सही तरह से निर्वहन करना ही असल मक़सद है, जिसके तहत अक्सर परिवार में बच्चों से मिल न पाने का दर्द रहता है.


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By nit

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