पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (मप्र), NIT:
शासकीय महाविद्यालय मनावर में दिनांक 13 मार्च 2021 को 15 दिवसीय ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स नेचर एंड वाइल्डलाइफ पर का समापन समारोह किया गया. इस कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय में प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन एवं जंगली जानवर विशेषज्ञों एवं फॉरेस्ट वन विभाग के ऑफिसर द्वारा व्याख्यान एवं डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया. इस कोर्स के तहत 30 विषय विशेषज्ञों द्वारा 7 हफ्ते तक व्याख्यान लिया गया बच्चों को असाइनमेंट और क्विज प्रश्नोत्तर आयोजन किया गया. कोर्स के समापन समारोह में डिप्टी कमिश्नर फॉरेस्ट रजनीश सिंह प्रोफेसर विपुल कीर्ति शर्मा, श्रीमान स्वप्निल पांसे, सोसायटी के सदस्य इत्यादि शामिल थे. कार्यक्रम का शुभारंभ डॉक्टर आर सी पान्टेल एवं आइक्यूएसी प्रभारी डॉ ईश्वर सिंह सत्तिया द्वारा किया गया. बालिकाओं का पूजन डॉ नूतन राजपूत, मोनिका डाबर, प्रोफेसर सेवाता द्वारा किया गया. इस कोर्स के तहत मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले वन्यजीव, उनकी आवश्यकता, उनका नेचर, उनकी प्रकृति, मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले माइग्रेटरी बर्ड, प्रकृति में बदलाव एवं पक्षी संरक्षण इत्यादि पर आधारित यह कोर्स यूजीसी मापदंड के अनुरूप 60 घंटे का कर रहा. इसके अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय मनावर एवं वाइल्ड वेरियर सोसाइटी द्वारा एमओयू साइन किया गया इसके तहत 60 घंटे का व्याख्यान एवं डॉक्यूमेंट्री फिल्म का बच्चों के लिए आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम का संचालन आयोजक एवं विभाग अध्यक्ष प्राणीशास्त्र डॉ पूजा शर्मा द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम का प्रत्येक हफ्ते अलग-अलग व्याख्यानओं का संचालन डॉ मनोज पाटीदार प्रोफेसर अजय सोलंकी, प्रोफेसर ममता भयल, डॉ अंकिता सोनी, प्रोफ़ेसर रितु मथुरिया, प्रोफेसर प्रीति का पाटीदार इत्यादि द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में समस्त महाविद्यालय परिवार की सहभागिता रही. प्राचार्य द्वारा दिए गए संबोधन में इस कोर्स से बच्चों को इंटर्नशिप में लाभ हो एवं उन्हें इस प्रकार की कार्यशाला से आगे भविष्य में अपने विषय विशेषज्ञ से मार्गदर्शन एवं एवं शोध एवं अपनी नौकरी को पाने के लिए रास्ता सुलभ हो सके इस बारे मे बताया. कार्यक्रम के साथ ही मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा बाघसखा पेंटिंग कंपटीशन का शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ डॉक्टर ईश्वर सिंह सत्या द्वारा किया गया. डीसीएफ रजनीश सिंह द्वारा इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी दी गई इसके तहत टाइगर बाघ संरक्षण के उद्देश्य के तहत मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
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