मेहलक़ा अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
वाल्मीकि संगठन ने मंडी बाज़ार स्थित कार्यालय पर महर्षि वाल्मीकि जयंती श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाई। संगठन पदाधिकारियो ने वाल्मिकी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की। संगठन प्रमुख उमेश जंगाले ने बताया की पिछले वर्ष वाल्मिकी जयंती पर फुल चौक में कवि सम्मेलन किया गया था लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस को देखते हुए होने वाले सभी बडे आयोजनो को स्थागित किया गया है। तत्पश्चात उमेश जंगाले ने महर्षि वाल्मीकि जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा की वाल्मिकी जी रचित श्री रामायण ग्रंथ की रचना से सदमार्ग पर चलने का संदेश दिया है। हम सभी को उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी संस्कृत भाषा के पितामाह थे, जिन्होंने बुराई पर नेकी की जीत का संदेश अपने महान ग्रंथ श्री रामायण के जरिए दिया। उन्होने समाज में से भेदभाव को दूर करने के लिए भी प्रेरित किया और सभी को आपस में मिलजुल कर रहने की प्रेरणा दी, वह आदिकवि के रुप में भी जाने जाते है। वाल्मीकि जी के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें समाज की भलाई के काम करने चाहिएं। संपूर्ण महापुरुषों की जयंती पर उन्हें याद करने मात्र से ही समाज के भले के काम नहीं हो जाते बल्कि उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर पूरी निष्ठाभाव व इमानदारी से चलना होगा। इस दौरान सुमेर जंगालीया, सहदेव बोयत, शैलेंद्र सोनवाल, रंजीत निधाने, राज चावरे, भव्य जंगाले, गंगा चावरे, नीतू सोनवाल, शिवानी बोयत सहित अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।
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