गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
कोविड-19 महामारी ने देश की आर्थिक स्थिति को पूरी तरह झकझोर कर रख दिया है, हर तरफ गरीब ही मारा गया, दूसरी तरफ बचा हुआ व्यवसाय भी पूरी तरह चौपट हो गया। खुदरा बाजार का राम नाम सत्य हो गया, क्या नवरात्रि क्या दिवाली जिले के आजकल हर छोटा बड़ा व्यापारी अपने-अपने धंधे में मंदी से परेशान है। बाजारों में रौनक कम दिखाई दे रही है। मंदी के प्रमुख कारणों में व्यापार का ऑनलाइन होना और युवाओं का आनलाइन शापिंग करना है। हर कोई युवा आज ऑनलाइन शॉपिग कर रहा है। कुछ भी खरीदने के लिए वे अपना मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं। बेशक उसमें कोई खरीदने की समझ ना हो पर फटाफट ऑर्डर कर देते हैं। इससे दुकानदारों को मंदी का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन शॉपिग में जो चीज बाहर से नहीं मिलती होती, अकेला डिजाइन ही देखने को मिलता है वो भी देखी जा रही है।
शहजादपुर अकबरपुर कि कुछ इलेक्ट्रॉनिक मार्केट दुकानदारों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग से सरकार को फायदा है 18 से 20 पर्सेंट जीएसटी टैक्स सीधे सरकार के पास जाता है और हम छोटे व्यापारी पूरी तरह टूट चुके हैं। दर्जनों दुकानदारों में मोहित मोबाइल शॉप, विकास कम्युनिकेशन, राजा इलेक्ट्रॉनिक, मधुर रेडियो, कुमार कम्युनिकेशन, गौड कम्युनिकेशन, कसौधन से बातचीत पर उन्होंने बताया कि रोजगार पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। सरकार द्वारा व्यवसाय में लोन की सुविधा भी दे दी गई है मगर वह लोन किस काम का जब दुकानदार से माल खरीदने वाला कोई रहे ना।
मोहित ने बताया कि खासकर ऑनलाइन में पेमेंट अगर पहले कर दें तो सामान गलत भी भेज देते हैं और बाद में खरीदार को पछताना पड़ता है। इस माध्यम से सेल लगने का झांसा दिया जा रहा जिसमें लोग लालच में आ जाते हैं। बहुत समझदारी से ऑनलाइन शॉपिग करते भी धोखा मिल जाता है, लेकिन छोटे दुकानदारों को इसका खामियाजा ज्यादा भुगतना पड़ रहा है। मंदी के दौर में व्यापारियों की अलग-अलग राय है। मधुर रेडियो का कहना है कि हमारे व्यापार में भी चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक सामान ऑनलाइन शॉपिग का रिवाज बढ़ गया गया है।
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