अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अपराधों के सामाजिक एवं विधिक परिपेक्ष्य विषय पर मध्य प्रदेश लोक अभियोजन विभाग द्वारा दो दिवसीय वेबिनार आयोजित किया गया है। जिसका शुभारंभ आज दिनांक 04/09/2020 को श्री पुरूषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक म.प्र. लोक अभियोजन द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री प्रशांत माली, प्रेसीडेन्ट सायबर लॉ बाम्बे, सुश्री सुमन श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, खुरई, सागर (म.प्र.), श्री सत्यप्रकाश, मैनेजर-प्रोग्राम FXB इंडिया सुरक्षा, दिल्ली एवं प्रो. आशा शुक्ला, वाईस चान्सलर, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, विश्वविद्यालय, महू (म.प्र.) के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
श्री पुरूषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक म.प्र. लोक अभियोजन ने अपने उद्बोधन में महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अत्याचारों एवं अपराधों पर चिंतित होते हुए कहा कि महिलाओं पर होने वाले लैंगिक भेद-भाव एवं लैंगिक आधार पर होने वाले अपराध सभ्य समाज के समक्ष एक गंभीर चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अत्याचार मॉं के गर्भ में आते ही प्रारम्भ हो जाते हैं जैसे- कन्या भ्रूण हत्या तथा अन्य अपराध जैंसे- दहेज प्रताड़ना, छेड़-छाड़, वैश्यावृत्ति कराना, बलात्कार, कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न, ऐसिड अटैक जैसी घटनाऐं महिलाओं के विरूद्ध होती हैं।
वर्तमान में मध्य प्रदेश में लगभग 45000 मामले महिला अपराध के संबंध में पेण्डिंग हैं। जिसमें रेप एवं दहेज हत्या जैंसे गंभीर अपराधों की संख्या सेशन न्यायालय में 7000 है तथा सजा का प्रतिशत् बहुत कम है। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की वृद्धि चिंतित करने वाली है। जिनपर नियंत्रण का प्रभावी तरीका ऐसे अपराधियों को न्यायालय के माध्यम से कठोर दण्ड दिलाना है।
महिला अपराध से संबंधित मामलों की पैरवी प्रभावी ढंग से करने एवं उनपर निगरानी रखने हेतु मेरे द्वारा श्रीमती मनीषा पटेल, विशेष लोक अभियोजक को स्टेट कोऑर्डिनेटर के रूप में नियुक्त किया गया है। मुझे आशा है कि श्रीमती पटेल के कुशल नेतृत्व में महिला अपराध कारित करने वाले अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा करायी जावेगी।
श्रीमती मोसमी तिवारी, प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी, लोक अभियोजन म.प्र. द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा श्रीमती मनीषा पटेल, राज्य समन्वयक महिला अपराध के द्वारा तैयार की गई तथा कार्यक्रम का संचालन भी किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर से लोक अभियोजन अधिकारी सम्मिलित होकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
प्रशिक्षण के प्रथम दिवस आज दिनांक 04/09/2020 को श्री प्रशांत माली, सायबर एक्सपर्ट, प्रेसीडेन्ट सायबर लॉ बाम्बे, द्वारा “Relevance of Electronic Evidence in Crime Against Women” विषय पर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के बारे में विस्तार से चर्चा की। उनके द्वारा बताया गया कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य क्या होती है? उसकी उपयोगिता क्या है? किस तरह इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य न्यायालय में ग्राह्य होती है? इस संबंध में उन्होंने भारतीय साक्ष््य अधिनियम, 1872, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों पर प्रकाश डाला तथा माननीय उच्चतम न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित किये गये निर्णय भी बताये गये। व्याख्यान पश्चात् उनके द्वारा प्रशिक्षुओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये।
सुश्री सुमन श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीन, खुरई, सागर द्वारा “Investigation E-Trial Regarding Crime Against Women E-Child” विषय पर व्याख्यान दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि महिला संबंधी अपराधों का अन्वेषण किस तरह किया जाना चाहिए तथा अन्वेषण के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए साथ ही यह भी बताया कि क्या त्रुटियॉं नहीं करना चाहिए, जिससे आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके। उनके द्वारा ऐसे अपराधों के विचारण के संबंध में भी प्रशिक्षण दिया गया कि महिला संबंधी अपराधों के अभियोजन में किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए जिससे अपराधी को कठोर दण्ड दिया जा सके। व्याख्यान पश्चात् उनके द्वारा प्रशिक्षुओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये।
प्रशिक्षण उपरान्त श्री राजेन्द्र उपाध्याय, डीपीओ, भोपाल द्वारा आभार प्रकट किया गया। साथ ही उन्होंने इस प्रशिक्ष्ाण कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए श्री पुरूषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक म.प्र. लोक अभियोजन एवं श्री पवन श्रीवास्तव संचालक, सीएपीटी भोपाल का धन्यवाद् अर्पित किया गया कि उन्हीं के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्ष्ाण कार्यक्रम संभव हो सका।
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