अरशद आब्दी, झांसी/नई दिल्ली, NIT:
देश में फिलहाल कोरोना महामारी के चलते देश गंभीर अवस्था के दौर से गुजर रहा है। बेरोजगारी के आंकड़ों में कई गुना वृद्धि हुई है। देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। देश में लाखों लोग इस महामारी से संक्रमित हैं। अधिकांश देशों ने समूह में लोगों को एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगाकर ही इस महामारी से बचने का उपाय बताया है लेकिन भारत सरकार ने महामारी प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करवाने का लिया गया निर्णय पूरी तरह नासमझ भरा हुआ है।
सरकार को देश के नागरिकों की जीवन का कोई मूल्य का नजर नहीं आ रहा। NEET-JEE परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए देश का युवा आवाज़ उठा रहा है लेकिन मोदी सरकार देश के युवाओं की आवाज सुनने के लिए तैयार नहीं है। दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अनिल मीणा ने कहा है कि भारतीय युवा कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने JEE NEET स्थगित करने के लिए जोरदार प्रदर्शन किया। सरकार पर अनेक सवाल खड़े करते हुए कहा प्रधानमंत्री यदि जीवन में शिक्षा हासिल करते तो जरूर शिक्षा का मोल समझते। प्रधानमंत्री की योग्यता पर देश में कई बार अनेक सवाल उठे लेकिन वह साबित नहीं कर पाएं, उनकी शिक्षा के क्षेत्र में हासिल की हुई डिग्रियां सही है। प्रधानमंत्री को मोर से कीड़ा करने के लिए समय है लेकिन देश के बेरोजगार युवाओं की चीख सुनाई नहीं दे रही।
प्रधानमंत्री जी सही मायने में अध्ययन करते तो देश के छात्रों का दर्द समझ पाते। जब कोरोना के वजह से संसद सत्र नही चल रहा है। कोर्ट मे ऑनलाइन सुनवाई नही हो रही है तो फिर NEET -JEE की परीक्षा को आखिर क्यों पोस्टपोन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस नेता राहुल गांधी जी ने भी कहा है कि NEET-JEE परीक्षा में बैठने वाले छात्र अपने स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उनके मुद्दे हैं: – Covid19 संक्रमण , महामारी में परिवहन और आवास की कमी, असम-बिहार में बाढ़ की तबाही। भारत सरकार को सब पक्षों की बात सुनकर एक सार्थक समाधान निकालना चाहिए। सरकार द्वारा परीक्षाएं आयोजित कराने के विरोध में भारतीय युवा कांग्रेस के अनेकों कार्यकर्ताओं ने पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन में अपनी गिरफ्तारी, कई युवा कार्यकर्ता क्षतिग्रस्त हुए। भारतीय युवा कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार फिलहाल देश के छात्रों की समस्याओं को समझे एवं फिर समाधान निकालें इस तरह से दूरदर्शिता से रहित लिया गया निर्णय कई युवाओं का भविष्य बर्बाद कर देगा।
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