अशफाक़ कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:
लाॅक डाउन में सरकारी दिशा-निर्देशों के तहत अधिकतम पचास लोगों की उपस्थिति में शादियां होने की शुरुआत राजस्थान के मारवाड़ व शेखावाटी जनपद में होने के बाद लगता है कि मुस्लिम समुदाय में ईद के चांद माह में शादीयाँ खूब होने की रिवायत के तहत इस माह में आगे भी सादगी व सीमित तादाद वाली इस तरह की शादीयों का सिलसिला जारी रह सकता है।
लाॅक डाउन के तहत पहले पचास लोगों की सीमा की बाध्यता के साथ स्थानीय उपखण्ड अधिकारी की इजाजत के बाद शादी की जा सकती है लेकिन रमजान माह खत्म होते ही ईद के त्योहार के बाद सरकार का नया आदेश आया कि अब शादियां करने में उपखण्ड अधिकारी की इजाजत की आवश्यकता नहीं है। केवल उपखण्ड अधिकारी को पूर्व मे सुचित करना अनिवार्य बताया गया है।
उदाहरण के तौर पर मारवाड़ के लाडनू कस्बे में सम्पन्न शादी में डीडवाना के खात्यासनी गांव से बारात आई। इसी तरह शेखावाटी के बेसवा में गारीण्डा गांव से आई बारत की तरह ही किरडोली में सम्पन्न शादी में सरकारी दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया है। माहे ईद पर ईद के बाद होने वाली उक्त तरह की शादियां कायमखानी बिरादरी में अधिक होना पाया गया है। जिसके पिछे कायमखानी यूथ ब्रिगेड द्वारा पिछले कुछ सालों से लगातार जारी मेहनत व कोशिशों का प्रभाव अधिक देखा जाता है।
कुल मिलाकर यह है कि खर्चीली व फिजूल खर्च वाली शादियों के खिलाफ बुलंद होती आवाज को कोविड-19 के चलते जारी लाॅक डाउन में जारी सरकारी दिशा-निर्देशों से बड़ी मजबूती मिली है। अब काफी लोग पचास लोगों की सीमित संख्या की मौजूदगी में शादी करने लगे हैं जो आगे भी जारी रहने की सम्भावना जताई जा रही है। ऐसे चलन को प्रमोट करना होगा।
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