जफर खान, अकोट/अकोला (महाराष्ट्र), NIT:

देश भर में करोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए 22 मार्च से 3 मई तक लॉक डाउन की घोषणा की गई है। जनता कर्फ्यू के करण लोगों का घरों से निकलना बंद है। चारों तरफ़ डर और खौफ फैला हुआ है। देश भर मे बंद के कारण जहाँ एक तरफ आम आदमी खासकर दिहाड़ी मज़दूरों पर भुखमरी की नौबत अा पड़ी है वहीं दूसरी तरफ अपंग ओर लाभार्थी लोगों की हालत भी खराब है। इस गंभीर परिस्तिथि में हर इंसान अपने पेट की सोच रहा है। जैसे जैसे बंद के दिन गुज़रते जा रहे हैं स्तिथि और गंभीर होती जा रही है। ऐसे में अकोला शहर की स्वयंसेवी संस्था फ्लाईंग क्लर्स एजुकेशन फॉन्डेशन द्वरा 17 अप्रैल को अकोला महानगर क्षेत्र में रहने वाले 125 अपंग लोगों को चावल देकर उनकी मदद की गई साथ ही स्लम और झुग्गी परिसर के नागरिकों को राशन किट के साथ साथ शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों मे भर्ती मरीज़ों के रिश्तेदरों को दो वक्त का खाना निःशुल्क वितरित किया जा रहा है।

इस कठिन परिस्तिथि में जहां एक ओर लोग अपने घर से बाहर कदम रखने को कतरा रहे हैं वहीं फ्लाईंग क्लर्स के यह नौजवान अपनी जान पर खेल कर धर्म जात के भेदभाव से ऊपर उठकर वीभिन्न प्रकार से ज़रूरतमंदों की सेवा में अथक प्रयास कर रहे हैं।
संस्था अध्यक्ष डाँ जुबेर नदीम ने बताया की अकोला शहर में लगभग पिछ्ले एक वर्ष से फ्लाईंग क्लर्स एजुकेशन फॉन्डेशन द्वरा रोटी बैंक की स्थापना की गई है। रोटी बैंक का अपना वाहन है जिसमें संस्था के सदस्य रोज़ शाम शहर के विभिन्न स्लम इलाकों में 250 से अधिक ज़रूरतमंद ग़रीबों को घर घर जा कर मुफ्त भोजन वितरित करते हैं। लाँक डाउन में अब तक रोटी बँक द्वारा 12,000 (बारा हजार) से अधिक जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाया जा चुका है। यह खाना सभी धर्म के लोगों को दिया जाता है।

इस जनता कर्फ्यू के दौरान संस्था द्वरा ज़रूरतमंद ग़रीबों मे एमर्जेन्सी राशन किट वितरण का निर्णय लिया गया जिसके तहत 500 रूपये मूल्य का आटा, चावल, शकर, चाय पत्ती, तेल, मिर्च-मसले, दाल, साबुन आदि कुल 11 प्रकार के सामान स्लम इलाकों में अब तक 600 परीवारों में मुफ्त तक्सीम की गयी है। संसथा अध्यक्ष डॉ. ज़ुबैर नदीम ने समाज के उच्चवर्ग के लोगों से अपील की है कि वह भी देश के इस संकट की घड़ी में संस्था के इस मानवीय आधर के कार्य में भाग लेकर ग़रीबों की मदत में अपना योगदान करें! संस्था द्वारा किएे जा रहे अनोखे कार्य की सब तरफ प्रशंसा की जा रही है।
इस कार्य में संस्था अध्यक्ष डॉ जुबेर नदीम, सचिव डॉ सरोश उर रहमान खान, डॉ मुजाहिद अहमद, रियाज अहमद सर, अब्दुल रहीम सर, रिजवान जमील खान, उबैद उल्लाह खान, सैयद मोहसिन अली, उबैद काजीम, नवाब अली, अदील अशहर और नदीम का भरपूर योगदान रहा है।
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