राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

वैश्विक महामारी बनकर सामने आये कोराना वायरस के संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन और भय के महौल में भी कुछ लोग अपने फर्ज और इंसानियत को ही अपना मजहब मानकर मानव सेवा के कार्य में जुटे हैं। देवरी नगर के बुर्जुग चिकित्सक आई.एच. अंसारी ऐसे
ही शख्स हैं जो इस कठिन समय में मानव सेवा के लिए आगे आये हैं। अपने घर में क्लीनिक खोलकर रोजाना दर्जनों मरीजों का निःशुल्क उपचार करने के साथ ही अंसारी लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर सरकारी निर्देशों का पालन करने की हिदायत दे रहे हैं।

कोरोना संकट के कठिन दौर में देश के कुछ हिस्सों में आई मानवता को शर्मसार करने वाली खबरों के बीच कुछ ऐसी कहानियां भी है जो समाज में मानवता और अच्छाई का संदेश देकर विश्वास और भाईचारे की डोर को मजबूती देती है। देवरी नगर के पुराना वायपास पर रहने वाले
आई.एच. अंसारी नगर के नामचीन चिकित्सक हैं। सरकारी चिकित्सा विभाग में चिकित्सक रहे डाॅ अंसारी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उम्र के 78 बसंत देख चुके अंसारी का इंसानियत एवं समाज सेवा के प्रति जज्बा काबिले तारीफ है। कोरोना संकट के दौरान चिकित्सा सेवा की कमी देखकर वह आगे आये और घर पर ही डिस्पेंसरी खोलकर
मरीजों के निःशुल्क उपचार में जुट गये। दिखावे और प्रचार से दूर रहने वाले डॉ. अंसारी आज गरीबों और जरूरतमंदों के लिए देवदूत है जो निःशुल्क इलाज के साथ यथासंभव दवायें भी उपलब्ध करा देते हैं।
इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे यह बुजुर्ग चिकित्सक मुख्यमंत्री सहायता कोष में 10 हजार रूपये भी जमा करवा चुके हैं ताकि कोरोना पीडि़तों को उपचार एवं आम जन को सुरक्षा मिल सके।

रोजाना दर्जनों मरीजों का उपचार कर रहे डॉ. अंसारी ने बताया कि कोरोना से लड़ाई में जागरूकता एवं एकजुटता अहम है, सभी को सरकार के निर्देशों का पालन करना चाहिए, लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए। घरों में ही रहकर समय बिताएं एवं हरी सब्जी एवं बिटामिन सी एवं विटामिन ए की पूर्ति करने वाला भोजन एवं टेबलेट लेना चाहिए। कम से कम 1.5 मीटर की दूरी बनाये रखें एवं घर के बाहर निकलते ही मास्क का प्रयोग
करें। अपने पुत्र एवं सहायक के साथ चिकित्सा सेवा में जुटे डॉ. अंसारी स्वयं ब्लडप्रेशर से पीड़ित हैं इसके बाद भी मानव सेवा के लिए उनका जज्बा काबिले तारीफ है। सुबह 9 बजे से 1 बजे तक एवं सायं 4 से 6 बजे तक उनके दवाखाने पर दो से 3 दर्जन मरीज पहुंचते हैं जिनके उपचार के पूर्व उनकी स्करिनिंग कर उनके हाथ सेनेटाइज करवाये जाते हैं। दवाखाने के बाहर एक पानी
की हौदी के साथ ही साबुन की व्यवस्था की गई है ताकि लोग हाथ पैर धोकर ही प्रवेश करें। उनकी समस्या के उपचार के साथ ही उन्हें कोराना से बचाव के प्रति जागरूकता हेतु प्रेरित किया जाता है। डॉ. अंसारी कहते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण को छुपाकर हम अपने
परिवार, आस पड़ौस एवं पूरे समाज की जान खतरे में डाल रहे हैं यदि किसी व्यक्ति को ऐसी आशंका है तो वह तत्काल परिवार से पृथक होकर सरकारी मदद ले एवं स्वयं को एवं परिवार को सुरक्षित करे, यह लाइलाज नहीं है।
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