फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था के साथ-साथ भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के दावे जहां कर रही है वहीं दूसरी ओर योगी की पुलिस का एक और भ्रष्ट चेहरा देश के सामने उजागर हुआ। वैसे तो यूपी पुलिस हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है, कभी थाने के अंदर पिटाई को लेकर तो कभी शराब के नशे में झूमते दिखाई देने कर लेकिन इस बार यूपी पुलिस रिश्वत लेने को लेकर सुर्खियों में है। जी हां इस बार यूपी पुलिस रिश्वत लेने को लेकर सुर्खियों में है और यह मामला है बहराइच की मटेरा चौकी का है जहां मटेरा चौकी प्रभारी का रुपये लेते हुए वीडियो वायरल हुआ है। एक मामले में रिश्वत लेते हुए दिखाई देने का पीड़ित ने न सिर्फ दावा किया है बल्कि लिखित शिकायती पत्र के माध्यम से दरोगा जी को निलंबित किये जाने तक कि मांग की है।
लगभग एक वर्ष पूर्व जिले की पुलिसिंग व्यवस्था की कमान संभालने के बाद से ही डॉ गौरव ग्रोवर की छवि जनपद वासियों में ईमानदार और न्यायप्रिय वाली रही है लेकिन ईमानदारी पर भ्रष्टाचार के तड़के वाले इस वायरल वीडियो ने ईमानदार पुलिस कप्तान साहब की बेईमानी वाली पुलिसिंग व्यवस्था के किरदार को सरेआम उजागर कर दिया है। मामले ने सुर्खियां बटोरी तो कप्तान साहब ने तत्काल प्रकरण के जांच के आदेश भी जारी कर दिये। जिसके बाद अब डंडामार साहब की एक दूसरे डंडामार साहब जांच करेंगे जैसा कि पहले भी होता आया है। देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस जांच में भी ईमानदार कप्तान साहब की पुलिस पीड़ित का बयान दर्शाते हुए आरोपों को भ्रामक करार देते हुए दरोगा जी को क्लीनचिट दे देगी जैसा कि होता आया है या फिर दरोगा जी पर कोई प्रभावी कार्यवायी करने की जहमत विभाग उठायेगा।
यह वीडियो रुपए देने वाले व्यक्ति ने खुद ही बनाने का दावा करते हुए चौकी इंचार्ज पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। वीडियो नानपारा कोतवाली के मटेरा चौकी में ही बनाया गया है। वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है। थाना कोतवाली नानपारा क्षेत्र के कग्गर निवासी पीड़ित बृजेश ने एक वायरल वीडियो के माध्यम से चौकी इंचार्ज मटेरा शिवनाथ यादव पर बिजली का पोल हटवाए जाने के नाम पर 5000 रुपया रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय से आरोपी दरोगा को निलंबित किये जाने की गुहार लगाई है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि चौकी इंचार्ज साहब ने 5000 रुपये रिश्वत लिया था जिसका उसने वीडियो बना लिया था। पीड़ित बृजेश का आरोप है कि पैसा लेने के बावजूद भी जब विद्युत पोल नहीं हटा तो पीड़ित ने दोबारा दरोगा जी से जब सम्पर्क साधा तो इंचार्ज साहब ने 10000 की डिमांड और कर दी और ताकीद किया कि मेरा कुछ नहीं कर पाओगे जो हम पैसा लेते हैं उसे ऊपर तक पहुंचाते हैं। वहीं सोशल मीडिया पर दरोगा जी का रिश्वत लेते हुए वीडियो जब वायरल हुआ तो इस मामले में वह तो डंडामार विभाग में हड़कंप मच गया और पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर ने मामले का तत्काल संज्ञान लेकर जांच के निर्देश भी जारी कर दिए। सवाल यह उठता है कि क्या इस जांच के भी ढाक के वही तीन पात होंगे जो दरोगा जी को क्लीन चिट दे देंगे या फिर प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए डंडा मार महकमा वायरल वीडियो के आधार पर निष्पक्ष व प्रभावी कार्यवाही कर मामले में कठोर कार्रवाई करने के साथी एक नजीर पेश करेगा।
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