अशफाक कायमखानी, जयपुर/नई दिल्ली, NIT:
भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की आंधी मे जीतकर आने वाले मुस्लिम सांसदों के मुकाबले 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सूनामी में कोई कमी ना आने के साथ उसी 23 की तादाद में मुस्लिम सांसद इस बार भी चुनाव में जीतकर आये हैं जिनमें भाजपा व कांग्रेस से जीतने वाले नगण्य हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में जीतकर आने वाले मुस्लिम सांसदों में आसाम से बदरुद्दीन अजमल, केरल से ए.एम आरिफ व ई टी मोहम्मद बशीर, बंगाल से नुसरत जहां रुही, खलीलुर्रहमान, अबू ताहिर खान व सजदा खान, तेलंगाना से असदुद्दीन ओवैसी, महाराष्ट्र से इम्तियाज जलील, लक्ष्दीप से मोहम्मद फैजल, पंजाब से मोहम्मद सादिक, जम्मू कश्मीर से हुसैन मसूदी, मोहम्मद अकबर लोन व फारुक अब्दुल्ला, बिहार से चौधरी महबूब अली कैसर व मोहम्मद जावेद, यूपी से कुवंर दानिश अली, अफजाल अंसारी, हाजी मोहम्मद याकूब कुरैशी, एस टी हसन, आजम खान, हाजी फजलूर्रहमान व डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क शामिल हैं।
भारतीय संसद में 2019 के लोकसभा चुनाव में 23 मुस्लिम सांसद चुने जाने के अलावा 1952- में 11, 1957-में 19, 1962-में 20, 1967-में 25, 1971-में 28, 1977-में 34, 1980-में 49, 1984-में 42, 1989-में 27, 1991-में 25, 1996-में 29, 1998-में 28, 1999-में 31, 2004-में 34, 2009-में 30, 2014-में 23 मुस्लिम सांसद चुनाव जीत कर संसद में गये थे।
कुल मिलाकर यह है कि भाजपा ने केवल मात्र तीन मुस्लिम उम्मीदवार बनाये एवं कांग्रेस ने भी मुस्लिम उम्मीदवार बनाने मे कंजूसी बरती। हां जहां से मुस्लिम गठबंधन या तीसरे फ्रंट से उम्मीदवार मुस्लिम थे वहां से कांग्रेस ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की कोशिशें करने के बावजूद मतदाताओं को कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों को नकार दिया। देखते हैं कि मौजूदा बनने वाली लोकसभा में कांग्रेस व भाजपा मुस्लिम सांसद विहीन होने के बाद भी अन्य मुस्लिम उम्मीदवार जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं???
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