मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
कांग्रेस पार्टी के युवा नेता, एमपी कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हमीद क़ाज़ी के भतीजे डाॅक्टर फ़रीद क़ाज़ी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और समस्त पदों से इस्तीफा देकर मुक्त होने की घोषणा के साथ ही उन्होंने एमआईएम में शामिल होने की घोषणा की है। व्यवसायिक रूप से युनानी चिकित्सक और स्थानीय युनानी चिकित्सा महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग में सेवारत होने के साथ साथ डाॅक्टर क़ाज़ी का शुमार गरम दल के नेताओं में होता है। क़ौम और मिल्लत के मामलात में अपने सगे चचा और कांग्रेस के क़द्दावर नेता हमीद क़ाज़ी से उनका राजनैतिक और वैचारिक मतभेद रहने के समाचार हैं। विगत वर्ष भी डाक्टर फ़रीद क़ाज़ी, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरूण यादव से ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में भिड़ चुके हैं। इस प्रतिनिधि ने जब डाक्टर फ़रीद क़ाज़ी से कांग्रेस छोड़ने के संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि कांग्रेस के प्लेटफार्म से मुस्लिम समाज की समस्याओं को रखने का अवसर नहीं मिलता। मुस्लिम समुदाय की समस्याओं को उठाना गुनाह समझा जाता है। इन कारणों से उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला कई महीनों पूर्व कर लिया था लेकिन लोकसभा चुनाव की गेहमा गेहमी और आरोप प्रत्यारोप से बचने के लिए मैंने अपने इस फ़ैसले को टाल दिया था। वैसे भी एमआईएम के सुप्रीमो की ओर से लोकसभा चुनाव तक इंतेज़ार करने को कहा गया था। अतः आज मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और समस्त पदों से त्यागपत्र देने की घोषणा सोशल मीडिया के माध्यम से कई है। डाक्टर फ़रीद क़ाज़ी मिल्लत का दर्द रखने वाले एक भावनात्मक युवा नेता हैं। इस के पूर्व वह एनसीपी के टिकट पर विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं। डाक्टर क़ाज़ी के इस निर्णय पर सोशल मीडिया के माध्यम से अनेक प्रकार की मिली जुली प्रतिक्रियाएं उनके पक्ष और विपक्ष में आ रही हैं। उनके एक युवा साथी डाक्टर मोहम्मद इमरान खान, जो एक ज़माने में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी के निकट समर्थक हुआ करते थे, उन्होंने भी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे कर एमआईएम में शामिल होने की पेशकश की है। सोशल मीडिया पर लोगों ने जहां डाक्टर क़ाज़ी के इस निर्णय को स्वागत योग्य बताते हुए अभिनंदन किया है, वहीं कुछ लोगों का मत है कि उन्हें यह निर्णय बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था। खैर जो भी हो, एडवोकेट ज़हीर उद्दीन अर्श के राजनैतिक परिदृश्य के परिप्रेक्ष्य में योग्य डाक्टर क़ाज़ी को अपना राजनैतिक केरियर बना कर जागृत हो कर राष्ट्र और समाज की सेवा करना है। यही सलाह है हमारी।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.