रहीम शेरानी, बांसवाड़ा (राजस्थान), NIT:
राजस्थान के जिला बांसवाड़ा के कुशलगढ़ में लोगों का मनरेगा से मोह भंग हो रहा है और मजदूरी के लिए मजदूरों का पलायन जारी है। सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों के नेता रोड शो कर बड़ी बड़ी जन सभाएं करने में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं ताकी सत्ता की कुर्सी पर बैठ कर सत्ता का सुख भोग सकें। नेताओं को वोट तथा कुर्सी की चिन्ता तो सता रही है लेकिन गरीबों के स्थाई रोजगार की गारंटी कोई नहीं लेता। सरकार ने भले ही गरीबों के लिए मनरेगा यानी रोजगार गारंटी योजना लागू की है पर सीर्फ यह योजना ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। सरकार 100 दिन का रोजगार देने का वादा तो करती है और गरीबों के वोट बेंक से सत्ता का सुख भी भोगती है पर स्थाई रोजगार गरीबों के नसीब से कौसों दूर है।
आज हम राजस्थान के बांसवाडा जिले के नान कंमाड मध्यप्रदेश गुजरात की सीमा से सटे कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र के मोहकमपुरा, गोपालपुरा, बावलियापाड़ा बसी छोटी सरवा, चोखवाड़ा शोभावटी, महुड़ा, बीजोरी, कोटड़ा, पाटन, बड़ी सरवा, के गरीबो की ग्राउण्ड रिपोर्ट बता रहे हैं। इस क्षेत्र में अब रोजगार गारंटी योजना से लोगों का मोह भंग हो चुका है। लोग मजदूरी के लिए गुजरात, महाराष्ट्र मध्यप्रदेश के शहरों में पलायन करने को विवश हैं पर सरकार को इन गरीबों की चिंता नहीं है। दो दिन पहले गरीब मतदान करने तो आए पर गरीब मतदाता अपने घर परिवार कुटुम्ब को छोड़कर रोजगार के लिए पलायन करने को विवश हैं।
वहीं राजनीतिक दलों के नेताओं को इनकी कोई सुध नहीं है और न ही कोई सुध लेने ही आ रहा है। वहीं मोहकमपुरा बस स्टैंड पर मजदूरी के लिए बसों के इन्तजार में गरीब मजदूर काम की तलाश में अन्य राज्यों में जाने के लिए अक्सर देखे जा सकते हैं।
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