ओवैस सिद्दीकी, ब्यूरो चीफ, अकोला (महाराष्ट्र), NIT:
मेकानिक्ल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के 5 छात्रों ने ऐसी गाड़ी बनाई है जो ईंधन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक पावर से भी चल पायेगी। प्रति दिन पेट्रोल की मात्रा कम होती जा रही है साथ ही इंधन का अधिक उपयोग करने वाली वाहनों से वातावरण भी काफी जहरिला होता जा रहा है। हाल में दिल्ली एवं अन्य मैट्रो सिटी में प्रदूषण की वजह से सफ्फोकेशन (घुटन) की यातना वहां के नागरिकों ने भुगती है।
इस वाहन विशेषता यह है कि जब यह वाहन ईंधन पर चलेगी तो स्वचालित रुप से गाडी में रखी हुई बैटट्रियां चार्ज होंगी तथा इन बैटट्रियों के एक बार चार्ज होने पर वाहन करीब 40 किलो मीटर तक चल पायेगी साथ ही इन बैट्रियों को अगर आप चाहें तो चार्जर से भी चार्ज कर सकते हैं। प्रदूषण को कम करने तथा मेट्रोस में घुटन की समस्य को खत्म करने के उद्देश्य से इन छात्रों ने उक्त वाहन को बनाई है।
छात्र बताते हैं कि इस वाहन को बनाने में उन्हें कुल 20 से 25 हजार की लागत लगी है। यह वैकल्पिक वाहन दो लोगों के साथ 30 से 40 किलो मिटर फी घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है। अभियांत्रिकी के छात्रों का यह इन्वेन्शण बेहतरीन है उन शहरों के लिए जहां प्रदूषण की समस्या काफी है। छात्रों द्वारा बनाई गई यह वाहन अगर ऑटोमोबाइल के सभी नियमों का पालन करती है तथा इन छात्रों को उचित आर्थिक सहयोग और प्रशिक्षण मिलता है तो यह वाहन जल्द ही बड़े पैमाने पर सड़कों पर दौड़ती हुई दिखाई देगी। वैकल्पिक कार के निर्माता सैय्यद अजहर, सैय्यद साकिब, सैय्यद अजीम, एहतिशाम एवं अहमद मूसानी इसे अधिक उपयोगी बनाने में अब भी लगे है तथा प्रा तनवीर अहमद उन्हें मर्गदर्शन कर रहे हैं।
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