नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
जब कपास के वाजिब समर्थन मुल्य के लिए किसानों के हित में मैंने जलगांव में अनशन किया तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार का कोई मंत्री मुझसे मिलने नहीं आया। 10-12 दिनों तक मेरा आमरण अनशन चलता रहा, डाक्टरों ने कहा कि आपके गुर्दे नाकाम हो जाएंगे जिससे आपकी जान भी जा सकती है, ऐसी स्थिति में हमारे पार्टी के नेता स्व. गोपीनाथजी मुंडे मेरा अनशन तुडवाने आए लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा आया नहीं तब से मैंने तय कर लिया कि अब जिन्दगी में कभी भी अनशन नहीं करुंगा, अभी तो तोडफ़ोड और रास्ता रोको करना ही अनशन करने से बेहतर रास्ता है, इस तरह का बयान राज्य के जलसंसाधन मंत्री श्री गिरीश महाजन ने जामनेर तहसील के पहुर में आयोजित सिंचाई परीयोजना के भूमिपूजन समारोह में अपने संबोधन में दिया है। मंत्रीजी ने यहा वाघुर बाँध पर आधारित भागपुर परीयोजना के फेज का शुक्रवार को भूमिपूजन किया। मंत्रीजी ने कहा कि हमारी सरकार में जितने भी आंदोलन हुए उन सभी को हमने न्याय दिया है। फिर वह मराठा – धनगरों के आरक्षण का मुद्दा हो या फ़िर अन्ना हजारे का अनशन हो या किसानों के मोर्चे हो हमारे मंत्री और मैं समय समय पर आंदोलकों से सीधे वार्तालाप करने के लिए पेश हुए हैं। जिसके कारण अब आंदोलकों में यह विश्वास बहाल हुआ है कि केवल भाजपा ही उन्हें न्याय दे सकती है। मंत्रीजी ने सहयोगी शिवसेना को लेकर कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी माना है कि वह केवल मेरे अनुरोध पर भाजपा से गठबंधन के लिए तैयार हुए हैं। समारोह के अध्यक्ष तथा लोकनिर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा 2300 करोड़ की लागत से बनने जा रही भागपुर योजना से 55 हजार एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई होगी। असाक्षरता और गरीबी यह कांग्रेस की नाकामी है जिसका वह चुनावी हथियार के रुप मे इस्तेमाल करती आ रही है। मंच पर राज्यमंत्री गुलाबराव पाटील, सांसद रक्षा खडसे, हरीभाऊ जावले, संजय सावकारे, राजू भोले, उन्मेष पाटील, स्मिता वाघ आदि विधायकों समेत प्रशासनिक अधिकारी तथा भाजपा के पदाधिकारी मौजूद रहे।
मंत्रीजी की यह चुनावी स्टंटबाजी है: संजय गरुड
भागपुर परीयोजना के भूमिपूजन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता संजय गरुड ने इसे मंत्रीजी की चुनावी स्टंटबाजी करार देते अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सरकार के 4.5 साल बीतने के बाद चुनावों के मुहाने पर भागपुर योजना का किया गया भूमिपूजन महाजन की स्टंटबाजी का पुराना पैंतरा है। मंत्री रहते अब तक तहसील के विकास के लिए वह कुछ भी करने में नाकाम साबित हुए हैं। सिंचाई की समस्या जस की तस है, एक इंच जमीन मंत्रीजी के कार्यकाल में सींची नहीं गयी है। जनता इस प्रयोग को भलीभांति समझती है।
विदित हो कि 2012 में विधायक रहे महाजन ने कपास को 7000 रुपया समर्थन मुल्य को लेकर जलगांव मे 12 दिन तक लंबा अनशन किया था जिसको तत्कालीन सरकार ने खासा तवज्जो नहीं दिया था जिसके बाद सरकार की मुखालफ़त में अनशन का एक दूसरा पहलू असंतोष से ओतप्रोत हो कर सडकों पर हिंसक आंदोलन के रुप में देखा गया था।
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