वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
लखीमपुर खीरी-पीलीभीत बस्ती नेशनल हाईवे 730 पर हुए गहरे गड्ढों की वजह से गुरूवार को दो दोस्तों की जान चली गई। करनपुर निबहा निवासी स्वतंत्र मिश्रा अपने दोस्त किशुनवापुर निवासी शुभम वर्मा के साथ गर्भवती पत्नी की दवाई लेने लखीमपुर आए थे। लखीमपुर से लौटते वक्त जैसे ही शहर के बाहर लालपुर बैरियर के पास पहुंचे ही थे कि तभी थाना फरधान इलाके में लालपुर बैरियर के आगे एक गड्ढे को बचाने के चक्कर में दोनों की बाइक एक ट्रक के नीचे जा घुसी जिससे शुभम और स्वतंत्र मिश्रा की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जिसने भी यह हादसा देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए। लाशों के टुकड़े पूरी सड़क पर बिखर गए थे। आनन फानन में पुलिस पहुँची और लाशों को उठाकर पोस्टमार्टम को भेजा।शुभम वर्मा की अभी शादी नहीं हुई थी।वहीं स्वतंत्र मिश्रा की दो साल पहले शादी हुई थी।स्वतंत्र की एक साल की बच्ची पापा का घर पर इंतजार कर रही थी।पत्नी गर्भवती थी बदहवास परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुँचे।नाते रिश्तेदार भी आए।सीओ सिटी आरके वर्मा ने बताया ट्रक को कब्जे में लिया गया है।लोगो का आक्रोश एनएच 730 पर हुए गड्ढों को लेकर भी था।प्रदेश में गड्ढामुक्त सड़कों की बानगी देखनी है तो पीलीभीत बस्ती स्टेट हाईवे पर आइए।यहां गोला गोकरननाथ से लेकर नकहा तक तो गड्ढों में सड़क तलाशनी पड़ रही है।
इस सड़क पर गड्ढे भरने का काम तो हुआ,लेकिन कागजों में।पैसा गड्ढे भरने के बजाय ठेकेदारों और अफसरों की जेबें जरूर भर गईं।इससे स्टेट हाईवे अब तक गड्ढा मुक्त नहीं हो पाया है। क्षेत्र वासियों ने विभागीय अधिकारियों के साथ साथ सड़क मरम्मत कार्य की गुहार जिला प्रशासन तक अनवरत शिकायत करते रहे हैं।यूपी के मुख्यमंत्री ने गड्ढा मुक्त कराने के निर्देश भी दिया था लेकिन डेढ़ साल से अधिक का समय बीत चुका है फिर भी सडकों की हालत जैसी की तैसी बनी हुई है।लेकिन लापरवाह विभागीय अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा।हालात यह है कि पूरी सड़क की गिट्टी उखड़ी पड़ी है।पीलीभीत बस्ती मार्ग पर आने वाले अधिक से अधिक गांवों के ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं आवागमन करने वालों का समय बर्बाद तो हो ही रहा है साथ ही गिर गिर कर घायल हो रहे हैं और लगातार सडक दुर्घटनाएं बढती जा रही है।यहां तक कि सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा यूपी सीएम हेल्पलाईन शिकायत प्रकोष्ठ पर भी सड़क मार्ग की मरम्मत कराने की गुहार लगाई,साथ ही लापरवाह विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के अभियान के तहत जिन गड्ढों को ठेकेदारों ने पाटा था उनमें केवल मिट्टी और ईंट की रोड़ियां भर दी गईं, जिससे एक बारिश के बाद ही गड्ढे और गहरे हो गए। गड्ढे भरने में इतना घटिया मैटेरियल लगाया गया कि एक माह भी नहीं चल सका और सड़क टूटती चली गई।आलम यह है कि अब पीलीभीत बस्ती स्टेट हाईवे पर राहगीरों को गुजरना मुश्किल है।यहां से अधिकारी भी निकलते हैं और राजनेता भी लेकिन इस सड़क को देखकर लोग अनदेखी कर जाते हैं। खराब सड़क होने की वजह से आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं लोगों की जिंदगियां जा रही हैं।यहां ठेकेदार,नेता और अधिकारियों के गठजोड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सड़कों को गड्ढामुक्त करने के फरमान की धज्जियां उड़ाकर रख दीं। इसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह हाईवे पड़ोसी राष्ट्र नेपाल को जोड़ता है जो जर्जर हो जाने के कारण अब राहगीरों के लिए सुरक्षित नहीं है।यहां पीलीभीत बस्ती राष्ट्रीय राज्यमार्ग के गोला से नकहा तक करीब पचास किलोमीटर सड़क गढ्ढायुक्त बनी हुई है।इसके चलते आए दिन दोपहिया वाहन सवार इन गड्ढों में अनियंत्रित होकर चोटिल होते रहते है।वहीं बड़े वाहनों के अनियंत्रित होने से आए दिन भीषण दुर्घटनाओं में लोगों की जानें जा रही हैं। जनपद बहराइच और पड़ोसी देश नेपाल को जोड़ने वाले इस मुख्य मार्ग से प्रतिदिन जिला मुख्यालय से तहसील मुख्यालय को जिम्मेदार अधिकारी गुजरते हैं लेकिन न तो किसी अधिकारी की नजर पड़ती है और न ही किसी जनप्रतिनिधि की जबकि लोग जोखिम उठाकर सफर करने को मजबूर हैं।
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